दिल्ली. अदानी और अम्बानी आरएसएस के फाइनेंसर हैं. इनकी काली पूंजी पर ही पलने वाले विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे आतंकवादी संगठन मुसलमानों की लिंचिंग करते हैं. इनके भ्रष्टाचार पर सवाल उठाने के कारण ही राहुल गांधी जी की संसद सदस्यता खत्म की गयी. यह देश के संवैधानिक ढांचे को बदलने की कोशिश है.
ये बातें उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 90 वीं कड़ी में कहीं.
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि संघ देश के सेकुलर और लोकतांत्रिक ढांचे को बदलना चाहता है. इसके लिए अदानी और अम्बानी जैसे कॉर्पोरेट घराने संघ को पैसा देते हैं. इसी पैसे के लिए मोदी सरकार इन कॉर्पोरेट घरानों को देश की संपत्ति बेच रही है. बदले में मिले रिश्वत के पैसों से भाजपा चुनाव लड़ती है, विधायकों को खरीदती है, लोकतंत्र की हत्या करती है.
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता खत्म कराकर सरकार संघ के इस षडयंत्र पर सवाल उठाने वालों की आवाज़ दबाना चाहती है. लेकिन अब राहुल गांधी की आवाज़ सिर्फ़ उनकी आवाज़ नहीं है. बल्कि 138 करोड़ लोगों की आवाज़ है जिसे न तो दबाया जा सकता है और न चुप कराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के साथ ही मोदी सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है.