उत्तर प्रदेश

दरगाह हज़रत सैय्यदना शाह अमीर अबुल उला रह. पर रोज़ा इफ्तार का अहतमाम

आगरा। दरगाह हज़रत सैय्यदना शाह अमीर अबुल उला रह. पर महाना फातिहा और सालाना रोज़ा इफ्तार का अहतमाम 9 रमजानुल मुबारक बरोज़ सनीचर को किया गया। इफ़्तार से पहले हज़रत के आस्ताने पर चादर पोशी गुल पोशी की गई।


रोज़ा इफ्तार से पहले हज़रत किबला सैय्यद मोहतशिम अली अबुल उलाई, सज्जादानशीन और मुतावल्ली और जनरल सेक्रेटरी, आल इंडिया सूफी सज्जादा नशीन काउंसिल (AISSC) ने अपने सम्बोधन में कहा कि सब्र हमे ना सिर्फ़ इस पाक महीने बल्कि पूरे साल रखना चाहिए जिससे हम समाज को रास्ता दिखा सकें।


नायब सज्जादानशीन सैय्यद ईशात अली अबुल उलाई ने कहा कि माहे रमजान में नेकियों का अज्र बहुत ही ज्यादा बढ़ जाता है लिहाज़ा कोशिश कर के ज्‍़यादा से ज्‍़यादा नेकियां इस महीने में जमा कर लेनी चाहियें। चुनान्चे ह़ज़रते सय्यिदुना इब्राहीम नख़्इ़र् फ़रमाते हैं की रमज़ान के महीने में एक दिन का रोज़ा रखना एक हज़ार दिन के रोज़ों से अफ़्ज़ल माना जाता है और रमज़ान के महीने में एक मरतबा तस्बीह़ करना (यानी कहना) इस माह के इ़लावा एक हज़ार मरतबा तस्बीह़ करने (यानी ) कहने से अफ़्ज़ल है और रमज़ान के महीने में एक रक्अ़त पढ़ना गै़रे रमज़ान की एक हज़ार रक्अ़तों से अफ़्ज़ल होता है।


रोज़ा इफ़्तार में खास तौर पर सैय्यद फ़ैज़ अली शाह , सैय्यद कैफ अली अबुल उलाई, सैय्यद इकबाल अली, सैय्यद अरीब अली, सैय्यद आसिम अली, सैय्यद शहाब अली, सैय्यद अज़हर अली, समी आगाई , फ़ादर मून लाज़रस , सैय्यद इरफ़ान सलीम , हाजी इमरान अली , विजय कुमार जैन आगरा के कई गणमान्य व्यक्तियों, सूफी हज़रात व जायरीनों ने शिरकत की और रोज़ा इफ्तार किया।