2024 के बाद अदानी जी अपने गिरोह के साथ कैलासा भाग जाएंगे
लखनऊ. राहुल गांधी दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यक वर्गों के संवैधानिक अधिकारों पर मोदी सरकार के हमलों के खिलाफ़ बोलते हैं. वो सरकार बनने पर जातिगत जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की बात करते हैं. इससे भाजपा डरी हुई है. इसीलिए उनकी संसद सदस्यता खत्म की गयी. लेकिन इससे राहुल गांधी की लोकप्रियता और बढ़ रही है. देश उन्हें प्रधानमंत्री देखने को आतुर है. ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 91 वीं कड़ी में कहीं.
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि 2014 में मोदी जी को अदानी जी ही लाए थे और 2024 में अदानी जी ही उन्हें अपने साथ ले भी जाने वाले हैं. बलात्कार के आरोपी नित्यानंद द्वारा कैलासा नाम का निजी राज्य भी अदानी जी ने ही स्थापित करवाया है ताकि कांग्रेस की सरकार आने के बाद पूरा गिरोह वहाँ छुप सके. राहुल गाँधी का यह कहना बिल्कुल सच साबित हुआ है कि मोदी ही अदानी हैं और अदानी ही मोदी हैं. यानी चौकीदार ही चोर है और चोर ही चौकीदार है. गाँव-गाँव तक इस सच्चाई के पहुँच जाने से पूरी भाजपा डरी हुई है.
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अदानी, अमित शाह और मोदी जी को यह डर भी है कि अगर मुसलमान पूरी तरह कांग्रेस के साथ आ गया तो दूसरे वर्गों के लोग भी कांग्रेस के साथ आ जायेंगे और भाजपा यूपी, बिहार और बंगाल में साफ हो जाएगी. क्योंकि यहाँ उसका वजूद ही मुसलमानों द्वारा क्षेत्रीय और जातिवादी पार्टियों को वोट देने पर टिका है. इसीलिए मुसलमानों को कंफ्यूज करने के लिए भाजपा अब ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और केजरीवाल जी को आगे करके तीसरा मोर्चा भी बनवाने पर कड़ी मेहनत कर रही है. लेकिन मुसलमान इस खेल को समझ चुके हैं. वो देख रहे हैं कि जब राहुल गांधी लोकतंत्र बचाने के लिए लड़ रहे हैं तब अखिलेश यादव सारस के साथ फोटो खिंचवा रहे हैं. सारस की आवाज़ उठाने से भाजपा को दिक़्क़त नहीं है इसीलिए अखिलेश जी के परिवार पर दर्ज आय से अधिक संपत्ति मामले को ही खत्म कर दिया गया. जबकि कमज़ोर तबकों की आवाज़ उठाने पर राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी जाती है.