राजस्थान

सन्तो महात्माओ ने सिन्धी भाषा व संस्कृति को संयोये रखने में महत्पूर्ण भूमिका अदा की : गीता ज्योति

सिन्धी संगठनो के द्वारा देश विदेश में 10 अप्रेल को मनाया जाता है सिन्धियत दिवस

संवाद। मो नजीर क़ादरी

अजमेर । पूज्य सिन्धी पंचायत अजमेर के तत्वावधान में सिन्धियत दिवस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय वेदान्त प्रचार मण्डल की सन्त एवं माता ज्ञान ज्योति उदासीन आश्रम की गद्वीनशीन सन्त माता गीता ज्योति ने अपने प्रवचनो के माध्यम से कहा कि सन्तो महात्माओ ने सिन्धी भाषा एवं संस्कृति को संजोये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।पूज्य सिन्धी पंचायत अजमेर के संस्थापक व महासचिव रमेश लालवानी ने बताया कि इस अवसर पर सिन्धी पंचायत अजमेर की ओर से सिन्धी मूल भाषा का साहित्य समाज सेवी दम्पति श्रीमती माया गंगवानी एवं कन्हैया लाल दम्पति को माता गीता ज्योति सन्त के कर कमलो से भेंट करवाकर सम्मानित किया गया।कन्हैया लाला गंगवानी ने बताया कि 10 अप्रेल सिन्धियत दिवस के अवसर पर सिन्धी भाषा ,लिपि एवं सभ्यता व संस्कृति को संजोये रखने में हम सबको अपना योगदान करना होगा।समाजसेवी व संयोजक लत्ता भैरूमल बच्चानी ने अपने संदेश में अधिक से अधिक आयोजन करने की अपील की है।ंिसन्धयत दिवस 10 अप्रेल 1967 के दिन भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूचि में सिन्धी भाषा को भारतीय संविधान में सम्मलित किये जाने के उपलक्ष में मानाया जाता है। इस अवसर पर श्रीमती ज्योति मोरवानी,गोविन्द लालवानी,श्रीमती निशा,श्रीमती चन्दा,अजय शोरोटिया सहित अन्य उपस्थित थे।