उदयपुर। राजस्थान में उदयपुर जिला प्रशासन ने अगले दो महीनों के लिए जिले में सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक झंडे फहराने पर रोक लगा दी है। यह आदेश सीआरपीसी की धारा 144 के तहत जारी किया गया है।
जिला प्रशासन की ओर से कहा गया है कि उदयपुर में अगले 2 महीने तक पूरे जिले में सार्वजनिक स्थल पर धार्मिक झंडे और प्रतीक चिन्ह लगाने पर रोक रहेगी। किसी भी सार्वजनिक बिल्डिंग या बिजली के खंभे समेत किसी भी सार्वजनिक जगह पर अब धार्मिक झंडे नहीं लगाए जा सकेंगे इसके लिए जिला कलेक्टर से अनुमति लेनी होगी।
इसी आदेश को लेकर अब भाजपा राजस्थान की गहलोत सरकार पर हमलावर हो गई है। उदयपुर जिला प्रशासन की सलाह पर राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि राजस्थान सरकार जानबूझकर मंदिरों और धार्मिक त्योहारों के पीछे पड़ी है। वे किसे खुश करना चाहते हैं, यह नहीं पता। उन्होंने कहा कि उदयपुर उन्हीं वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की भूमि है जिन्होंने मुगलों को परास्त किया था अब अगर वहां पर ही भगवा ध्वज और पताका नहीं लगाएंगे तो क्या तालिबान में लगाएंगे?
सूत्रों की मानें तो ये आदेश हाल ही में उदयपुर में एक विशाल सभा के दौरान धीरेंद्र शास्त्री के जनसभा के मद्देनजर जारी किए गए हैं, जिसके बाद कुंभलगढ़ किले पर भगवा ध्वज फहराते हुए पांच युवकों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि इन युवकों को रिहा कर दिया गया है, लेकिन प्रशासन ने यह कहते हुए आदेश जारी किया है कि धार्मिक जुलूसों के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक संकेतों वाले झंडों की अनुमति नहीं दी जाएगी और इन आदेशों की अवहेलना करने वालों से कानूनी प्रावधानों के तहत सख्ती से निपटा जाएगा।