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उत्तर मध्य रेलवे ने खाली पड़ी भूमि का उपयोग करके रू. 360 करोड़ भू-राजस्व अर्जन



आगरा। उत्तर मध्य रेलवे ने वित्त वर्ष 2022-23 में अपनी खाली पड़ी भूमि का उपयोग करके रू. 360 करोड़ का अर्जन का उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। उत्तर मध्य रेलवे ने निजी पार्टियों, केन्द्र व राज्य सरकार के अन्य विभागों एवं पीएसयू कम्पनियों को लीजिंग/लाइसेंसिंग आधार पर भूमि देकर रू. 359.93 करोड़ की आय अर्जित की है। रेलवे बोर्ड ने वित्त वर्ष 2022-23 में विविध स्रोतों से भू-राजस्व आय का वार्षिक लक्ष्य रू. 80 करोड़ निर्धारित किया था।

इस प्रकार वित्त वर्ष 2022-23 में रेलवे बोर्ड द्वारा दिये गये इस निर्धारित लक्ष्य से लगभग 425 प्रतिशत अधिक आय अर्जित की गई है। उत्तर मध्य रेलवे ने पिछले वर्ष अर्थात् वित्त वर्ष 2021-22 में अपने निर्धारित लक्ष्य रू. 91.23 की तुलना में मात्र रू. 42.78 करोड़ की आय अर्जित की थी। उत्तर मध्य रेलवे की स्थापना के बाद से उत्तर मध्य रेलवे ने अपना अब तक का सर्वाधिक आय रू. 111 करोड़ वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान अर्जित की थी।


उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक सतीश कुमार के कुशल नेतृत्व एवं उनके द्वारा भू-राजस्व के अर्जन हेतु विशेष मार्गदर्शन तथा जोनल कार्यालय में भूमि मामलों के प्रभारी मुख्य इंजीनियर/सामान्य, श्री प्रदीप कुमार के विशेष भूमिका, अथक प्रयास और इस सम्बन्ध में निरन्तर समीक्षा कार्य एवं सही समय पर भूमि मामलों से सम्बन्धित फाईलों के निष्पादन एवं अधीनस्थ अधिकारियों एवं सभी इकाईयों के द्वारा निरंतर प्रयास के फलस्वरूप यह असाधारण उपलब्धि हासिल की जा सकी है।

प्रयागराज, झाँसी एवं आगरा मण्डल के मण्डल रेल प्रबंधकों ने भूमि उपयोगकर्त्ताओं से समय-समय पर बकाया भू-राजस्व वसूली सुनिश्चित किये जाने के लिए फील्ड स्तर पर जोनल कार्यालय के दिशा-निर्देशों को लागू कराने में विशेष योगदान किया है।
उत्तर मध्य रेलवे ने यह उल्लेखनीय भू-राजस्व आय का अर्जन रेलवे की खाली पड़ी भूमि का उपयोग करके, रेलवे पटरियों को पार करने की अनुमति देकर, मेट्रो रेले के स्टेशनों के निर्माण की अनुमति देकर एवं खाली पड़ी भूमि के लीजिंग/लाईसेसिंग द्वारा सुनिश्चित किया है।

उत्तर मध्य रेलवे द्वारा अर्जित कुल राजस्व रू. 360 करोड़ की इस राजस्व अर्जन में प्रयागराज मण्डल द्वारा रू. 265.76 करोड़, झाँसी मण्डल द्वारा रू. 60.35 करोड़ एवं आगरा मण्डल द्वारा रू. 33.79 करोड़ की आय का योगदान दिया गया है। उत्तर मध्य रेलवे ने कानपुर मेट्रो रेल परियोजना को रेलवे ट्रैक को क्रास करने की अनुमति देकर रू. 235 करोड़ का राजस्व अर्जित किया है।


उत्तर मध्य रेलवे द्वारा हासिल यह असाधारण उपलब्धि इस दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है कि दूरसंचार विभाग, मेट्रों रेल, जल संसाधन विभाग एवं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय रेलवे की खाली पड़ी भूमि का उपयोग कर अपने-अपने बुनियादी ढाँचा के कार्यों में तेजी ला सकें, इस उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा सितम्बर-2022 में भूमि प्रभार की समीक्षा की गई थी और उक्त प्रयोजन से भूमि प्रभार की दर में कमी कर दी गई थी।