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डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 88 वे दीक्षांत समारोह में मैडल और डिग्री पाकर खिले चेहरे

आज विवि के 88वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल हुईं शामिल


हमारा भारत-स्वच्छ भारत और मत डारो कूड़ा गलियांन में गाने की थीम पर कार्यक्रम की हुईं शुरुआत


दीक्षान्त समारोह के दौरान करीब 123 छात्र-छात्राओं को मेडल दिए जाएंगे जिसमें 97 छात्राएं, 26 छात्र शामिल

आगरा। डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय का 88 वा दीक्षांत समारोह खंदारी कैंपस स्थित शिवाजी मंडपम में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलाधिपति व उप्र की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की।

मुख्य अतिथि आल इंडिया विश्वविद्यालय संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रो. मानिकराव माधवराव सालुखें और विशिष्ट अतिथि उप्र सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रजनी तिवारी रही।


कुलाधिपति सबसे पहले विश्वविद्यालय के खंदारी कैंपस स्थित कुलपति आवास पर पहुंचीं। वहां उनका स्वागत माननीय कुलपति प्रो. आशुरानी ने किया। वहां से शिवाजी मंडपम पहुंचने पर 70 एनसीसी कैडेट्स ने माननीय कुलाधिपति को सैल्यूट दिया। इसके बाद यूनिवर्सिटी मॉडल स्कूल के विद्यार्थियों के जयघोष के साथ माननीय कुलाधिपति आईईटी खंदारी पहुंचीं, वहां उनका विश्वविद्यालय के कार्य परिषद व विश्वविद्यालय शिक्षकों व पदाधिकारियों के साथ फोटो सेशन हुआ।

इसके बाद विश्वविद्यालय शिक्षकों, अधिकारियों व कार्य परिषद सदस्यों के साथ कुलाधिपति शोभायात्रा के रूप में शिवाजी मंडपम पहुंचीं।मंच पर पहुंचने के बाद कार्यक्रम की शुरूआत वंदे मातरम से हुई। विश्वविद्यालय के कुलगीत की प्रस्तुति ललितकला संस्थान के विद्यार्थियों ने दी। कुलाधिपति ने जल भरो कार्यक्रम के माध्यम से जल संरक्षण का संदेश दिया। इसमें जल संरक्षण से जुड़ा गीत भी प्रस्तुत किया गया। कुलपति प्रो. आशुरानी ने अपने उद्बोधन में बताया कि विश्वविद्यालय का यह दीक्षांत समारोह कई मायनों में विशेष है। इसमें विश्वविद्यालय के रिसर्च पोर्टल के साथ गणित विभाग में आर्यभट्ट सभागार का विमोचन किया गया।

रिसर्च पोर्टल में विश्वविद्यालय के शोधार्थियों से जुड़ी सारी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी, साथ ही उन्हें शोध से जुड़ी जानकारी होगी। विश्वविद्यालय में नवाचारी शिक्षण को बढ़ावा देने के लिए चार सेंटर फॉर एक्सीलेंस व विवेकानंद इन्क्यूवेशन सेंटर प्रारंभ किया गया है। महिला सुरक्षा को लेकर महिला प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है। इंटलेक्यूअचल प्रोपर्टी राइट्स को भी स्थापित किया है। टीबी मुक्त भारत के साथ क्षय रोगियों को विश्विद्यालय के सामुदायिक रेडियो द्वारा सहयोग किया जा रहा है। विश्वविद्यालय ने जी-20 में अपना सहयोग दिया और ललित कला संस्थान के विद्यार्थियों ने इसके लिए शहर भर में सक्रिय भूमिका निभाई।

युवोत्सव के माध्यम से विद्यार्थियों ने कला क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखाई और विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपना दमखम दिखाया है। इसके बाद कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने 6 डी.लिट, 67 पीएच.डी, 123 पदक व स्नातक के 107222 व स्नातकोत्तर के 12243 और प्रोफेशनल कोर्स की 19284, आवासीय संस्थानों के 1040 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान करने के लिए आमंत्रित किया। सभी संकाय के डीन ने अपनी विद्यार्थियों को उपाधि के लिए संकल्प दिलाया, जिन्हें कुलपति महोदया ने उपाधि प्रदान की।


विशिष्ट अतिथि रजनी तिवारी ने कहा कि एक सशक्त राष्ट्र के लिए जरूरी है कि सभी अपने लक्ष्य प्राप्त के लिए लगातार प्रयास करते रहें। उन्हें छात्रों को पदक विजेता के रूप में देखकर अच्छा लगा। उम्मीद है जब तक आपको लक्ष्य प्राप्त नहीं हो जाता, आप शांत नहीं बैठेंगे और लगन से मेहनत करेंगे। मुख्य अतिथि प्रो. मानिकराव माधवराव सालुखें ने अपने उद्बोधन में कहा कि विश्व बदल रहा है, जिसमें शिक्षा का बड़ा योगदान है। शिक्षा में सकात्मकता परीलक्षित होनी चाहिए। आज न्यू इंडिया का दौर है। उद्यमिता व डिजिटल होकर ही हम सफल हो पाएंगे। हमारे पास विश्व के दूसरे सबसे अधिक स्मार्ट फोन यूजर और इंटरनेट यूजर हैं, इसे ही शक्ति बनाना होगा।

शोध के प्रति अपने लगाव को बढ़ाकर ही देश को उन्नति के शिखर पर पहुंचाया जा सकता है। अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि डॉ. भीमराव आंबेडकर ने भेदभाव को मिटाकर देश को सशक्त बनाने में अहम योगदान दिया। दीक्षांत समारोह में 123 पदक विजेताओं में 97 छात्राएं हैं। जबकि शेष, 21वीं सदी की महिलाएं सशक्त हैं, इसलिए उत्तर परिणाम प्राप्त करती हैं। उम्मीद है कि वह इस प्रतिशत को जल्द ही 100 प्रतिशत तक पहुंचाएंगी। लेकिन छात्र निराश न हों, इससे प्रेरणा लेकर आगे बेहतर करने के लिए प्रेरित हों। ऐसे बनें कि देश व समाज के लिए उपयोगी हों। शिक्षा हमें सबकुछ दे सकती है।

माता-पिता, आचार्य व अतिथि को देवता समझें। माता-पिता को कभी न भूलें। ऐसे ही एक युवक अरविंद ने यूपीपीएससी में 86वीं रैंक लाकर डिप्टी एसपी बनें हैं, जिसके पिता फल बेचने का ठेल लगाते थे। आप भी हमेशा प्रयास करें, कि सही रास्ते पर चलें, जब मन में संशय हो, तो अपने से बड़ों व बुद्धिमान लोगों से मार्गदर्शन प्राप्त करें। जिन पर आरोप लगे हों और वह उनसे सकुशल बाहर निकल आए हों, उन्हें अपनाएं क्योंकि उन्होंने स्वयं को सिद्ध किया है। समस्या हो, तो उससे भागें नहीं, समाधान तलाशें। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मन की बात सुनें और समझे।

विश्वविद्यालय के विद्यार्थी हर क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। सामुदायिक रेडियो की उपयोगिता और विशेषता बताते हुए विश्विद्यालय के रेडियो आगरा की आवाज़ की समाज में भूमिका को और सशक्त करने के लिए कहा। विश्वविद्यालय को अपनी भूमिका बदलनी होगी। इंडस्ट्री के सहयोग से उनकी आवश्यकताओं को समझकर ऐसे पाठ्यक्रम तैयार करें, जिससे युवाओं को बेहतर रोजगार के साधन मिलें। तभी आपकी सार्थकता सिद्ध होगी। हर साल सिलेबस में 30 प्रतिशत बदलाव लाकर उसे उपयोगी बनाएं।

ड्रोन व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में नई संभावनाएं तलाशेंगे तो विद्यार्थियों को आसानी से आकर्षित कर पाएंगी। विश्वविद्यालय को नैक में ए प्लस प्लस ग्रेड दिलाएं यही आपका लक्ष्य है। हमने सामाजिक सहयोग से आंगनबाड़ी को सहयोग किट प्रदान की। कार्यक्रम का संचालन प्रो. सुमग आनंद ने किया। डीन अकादमिक प्रो. संजीव कुमार, प्रो. संजय चौधरी, प्रो. मनु प्रताप, प्रो. ब्रजेश रावत, प्रो. बीएस शर्मा, प्रो. शरद उपाध्याय, प्रो. विनीता सिंह, प्रो. अचला गक्खर आदि मौजूद रहीं।