आगरा। भाजपा ने नगर निकाय के चुनावी महासंग्राम में महापौर पद पर हर बार नए चेहरे और समाज पर दांव लगाया है। उसने कभी बसपा के वोटबैंक में सेंध लगाई तो कभी आखिरी छोर वाले समाज को चौंकाने वाला तोहफा देकर राजनीतिक समानता का संदेश दिया।
सुप्रसिद्ध एवं लोकप्रिय समाजसेवी संजय वर्मा उर्फ़ पोला भाई ने बताया कि भाजपा इस चुनाव में भी उम्मीदों से अलग निर्णय लेने वाली है, जिससे प्रत्याशी के समाज का वर्षों से चला आ रहा सूखा खत्म हो जाएगा। वहीं मिशन 2024 की तैयारियों में एक कड़ी और मजबूत हो जाएगी।
महापौर पद के लिए राजनीतिक दलों में अपने दमदार प्रत्याशी की खोज के लिए ‘सूचीमंथन’ हो रहा है। आये दिन किसी न किसी नये दावेदार की चर्चा हो रही है। सूत्रों की मानें तो भाजपा अपने प्रतिद्वंदी बसपा, सपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को चौंका सकती है। भाजपा मंत्री, सांसद, विधायक और अधिकारी की पत्नी के नाम की चचाओं के बीच अंतिम दौर में मनोबल बढ़ाने और सत्ता के लाभ से वंचित समाज को तोहफा देने के लिए अपने ही कार्यकर्ता की बेटी पर दांव लगा सकती है। इसकी चर्चा संगठन में तेजी से होने लगी है।
वहीं, पार्टी के लिये 30 साल अपना खून-पसीना बहाने वाले मनोज राजौरा ने अपनी बेटी गुंजन राजौरा के लिए महापौर पद का चुनाव लड़ने के लिए टिकट मांगी है। वे खटीक समाज से आते हैं। उनके समाज को आगरा ही नहीं, बल्कि ब्रजक्षेत्र से किसी को सत्ता में भागीदारी नहीं मिली है। आगरा महानगर में खटीक समाज के वोटरों को आंकड़ा 80 हजार के आसपास है, जो वोटरों के अनुसार भाजपा की समाज सूची में तीसरे नंबर पर आता है। माहौर समाज के वोटरों का आंकड़ा डेढ लाख और वाल्मीकि समाज के वोटरों का आंकड़ा सवा लाख के आसपास है।
वर्मा ने आगे बताया कि सूत्रों की मानें तो भाजपा का एससी सीट पर इन्हीं तीनों समाज से अपना प्रत्याशी चुनने के लिए जोर दिया जा रहा है। बात करें जाटव समाज की तो सूची में वह भी आता है, लेकिन उसे बसपा के आखिरी चुनावी पत्ता खुलने के बाद ही उस पर विचार होता है। मनोज राजौरा की 30 साल की तपस्या और खटीक समाज के इंतजार का फल गुंजन राजौरा को अपना प्रत्याशी बनाकर देने की दिशा में मंचन शुरू हो गया है। राजौरा की तरफ से पिता-पुत्री का बायोडाटा संगठन को दिया गया है, जिसकी गूंज लखनऊ तक है। गुंजन महज 30 वर्ष की है, उनकी शैक्षिक योग्यता एमबीए, बी.कॉम, बीटीसी है। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में लेखाकार हैं। बात करें उनके भाजपा और सामाजिक कार्यों से जुड़ाव की तो उनकी स्वयं सेविका संघ के रूप में संघ आयु छह वर्ष है। दलित समाज जन कल्याण समिति उत्तर प्रदेश की प्रदेश उपाध्यक्ष और अखिल भारतीय खटीक समाज की जिला उपाध्यक्ष हैं। जबकि उनके पिता मनोज राजीरा की संघ आयु 35 वर्ष है। भाजपा से पार्षद भी रह चुके है। भाजपा में गुंजन की दावेदारी को बहुत मजबूत माना जा रहा है।