पीर साहब के जश्न ए उर्स में सर्वधर्म के लोगो ने शिरकत करके चादरपोशी गुलपोशी करके मुल्क के अमन चैन की दुआ की
आगरा। ईदगाह कटघर कब्रिस्तान स्थित दरबार ए मरकज मुर्शिद आले पंजतनी पीर अलहाज तसद्दुक हुसैन अलमारूफ रमज़ान अली शाह चिश्ती साबरी रहमतुल्लाह अलैह के जश्न ए उर्स के मुबारक मौके पर मजार शरीफ का गुस्ल शरीफ गुलाबजल से अकीदतमंदों और मुरीदों के बीच सज्जादानशीन सग ए दरबार ए मुर्शिद अलमारूफ जैनुल रमजानवी उर्फ़ विजय कुमार जैन ने कराया । गुस्ल के बाद संदल इत्र पेश करके चादरपोशी गुलपोशी की गई ।
फातिहा ख्वानी के बाद हाज़रीन की फलाहियत और मुल्क के अमन चैन की खास दुआ दरबार में करते हुए दरगाह के सज्जादानशीन पीरजादा विजय कुमार जैन ने कहा कि पीर साहब ने अपना सारा जीवन सर्वधर्म की एकता के लिए समर्पित कर दिया । सभी को एकता और मुहब्बत का पैगाम देते रहे । आज उनके दिए पैगाम और एकता की शिक्षा पर चलने की सख्त जरूरत है । इस मौके पर कव्वालों ने बुजुर्गों की शान में कलाम पेश किए । जश्न ए उर्स के मौके पर रोजा इफ्तार कार्यक्रम में भी सर्वधर्म के लोगों ने शिरकत करके रोजा इफ्तार किया । रोजा इफ्तार करने से पहले दुआ करते हुए विजय कुमार जैन ने कहा कि रोजेदार के साथ इफ्तार करने से रोजे का सबाब हासिल होता है । रोजे का मकसद सभी चीजों से रूक जाना होता है । और रब की बारगाह में हर पल इबादत से रब की बारगाह खुश होती है और रोजेदार को उसका इनाम अता किया जाता है । नमाज के बाद लंगर का आयोजन हुआ जिसमें सभी धर्मो के लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया । इस मौके पर फादर मून लाजरस ने कहा कि पीर साहब की ज़िन्दगी से सबक लेने की जरूरत है। पीर साहब ने अपना जीवन मानवीय एकता को कायम करने और आपसी सौहार्द के लिए समर्पित कर दिया ।
जश्न ए उर्स में शिरकत करने वालों में हाफिज इस्लाम कादरी, हाफिज कामिल रज़ा कादरी, वक्फ निदेशक गुलाम मुहम्मद, रिजवान कुरैशी, फादर मून लाजरस, सूफी परवेज आलम साबरी, खलीफा रमज़ान खान साबरी, खलीफा जमील अहमद साबरी, खलीफा सईद साबरी, खलीफा कल्लू साबरी, राकेश चंदेल साबरी, उमेश चंदेल साबरी, जगदीश प्रसाद शर्मा, नवीन कुमार जैन, इरफान साबरी, रूपसिंह साबरी, सरोज बाथम साबरी, गायत्री देवी साबरी, विमला साबरी, शिवानी साबरी आदि मौजूद रहे ।