- निक्षय दिवस पर 4865 लोगों की स्क्रीनिंग करने पर 246 संदिग्ध मिले, 45 के बलगम का सैम्पल लिया गया
आगरा। जनपद में शनिवार को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया गया। इस बीच सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीबी और कुष्ठ रोग को लेकर जागरुक किया गया। आयोजित दिवस पर लोगों को टीबी रोगियों के नोटिफिकेशन करने के बाद उनका उपचार करने और साथ में रोगी के परिवार के सदस्यों को क्षय रोग से बचाने के लिए टीबी प्रिवेंटिव थेरपी (टीपीटी) से संबंधित जानकारी दी गई ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि एकीकृत निक्षय दिवस के आयोजन का उद्देश्य क्षय रोग के बारे में जन जागरूकता और मॉनिटरिंग को बढ़ाना है। जिससे टीबी रोगियों की पहचान और उपचार शीघ्र हो सके। दरअसल पलमोनरी टीबी एक संक्रामक रोग है। इसकी पहचान में देरी होने से उपचार शुरू होने तक रोगी अपने संपर्क में आने वाले कई लोगों को संक्रमित कर सकता है।
उन्होनें बताया कि दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी आने, दो सप्ताह से लगातार बुखार आने, वजन घटने जैसे लक्षण होने पर टीबी की जांच अवश्य करानी चाहिए। टीबी का उपचार संभव है, सरकार द्वारा इसकी जांच व उपचार का प्रावधान है। इसके साथ ही टीबी मरीजों को स्वस्थ होने तक उनके बैंक खाते में निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रतिमाह दिए जाते हैं।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सीएल यादव ने बताया कि एकीकृत निक्षय दिवस के अवसर पर ओपीडी में आने वाले दस प्रतिशत मरीजों की टीबी की जांच की गई। इसके साथ ही आशाओं द्वारा घर-घर जाकर टीबी जैसे लक्षण दिखने वाले संभावित टीबी मरीजों की भी जांच कराई गई।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि टीबी रोग माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु से होता है। इसके दो प्रकार हैं। पहला, पल्मोनरी टीबी, दूसरा एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी। पल्मोनरी टीबी में फेफड़े संक्रमित होते हैं। इसकी फैलने की आशंका रहती है। एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी में फेफड़ों के बजाय शरीर के अन्य अंगों पर असर होता है। यह नहीं फैलती है। पल्मोनरी टीबी रोगियों के संपर्क में आए लोगों को टीपीटी दी जा रही है।
गैर सरकारी संस्था जीत 2.0 के कार्यक्रम के तहत क्षय रोगी के परिवार के लोगों को छह महीने तक क्षय रोग की प्रतिरोधी दवाएं मौजूद परिवार के सदस्यों के आयु के हिसाब से दी जाती है । उन्होनें बताया कि शनिवार को कार्यक्रम के दौरान 4865 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। 246 लोग संदिग्ध मिले हैं। जिसमें 45 संदिग्ध के बलगम का सैम्पल लिया गया।
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जीवनी मंडी की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. मेघना शर्मा के द्वारा एकीकृत निक्षय दिवस के मौके पर उपस्थित प्रतिभागियों को टीबी से संबंधित स्क्रीनिंग कराने के लिए काउंसलिंग की गई । जिला पीपीएम समन्वयक अरविंद कुमार यादव, डीआर टीबी समन्वयक शशिकांत पोरवाल द्वारा सेमरी टीबी यूनिट पर सहयोगात्मक परीक्षण किया गया ।
टीबी यूनिट आगरा ईस्ट के सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर जगन ने बताया कि गैर सरकारी संस्था जीत 2.0 के सहयोग से टीबी मरीजों के परिवार के सदस्यों का एक्स-रे कराकर जांच की जा रही है कि उन्हें तो टीबी का संक्रमण नहीं है। इसके साथ ही उन्हें टीपीटी दी जा रही है। इसके लिए टीबी यूनिट आगरा ईस्ट में 26 आशा कार्य कर रही हैं। नगला धनी निवासी 26 वर्षीय राजकुमारी (बदला हुआ नाम) उन्हें बुखार आता था, तभी मेरे फेंफड़ों में पानी भर गया। बाद में जांच कराने पर पता चला कि उन्हें फेंफड़ों का टीबी हो गया है।
अब मेरा उपचार चल रह है। मेरे परिवार के सभी सदस्यों की जांच की जा चुकी है। उन्हें संक्रमण नहीं है, सभी परिवार के सदस्यों को टीपीटी की किट दे दी गई है।इस मौके पर टीबी हेल्थ विजिटर रजनीश कुमार राना, लैब टेक्नीशियन राजीव तिवारी आशा कार्यकर्ता गूंजलता, मधु पंकज सहित समस्त स्टाफ मौजूद रहा।