आगरा। बैकुंठी देवी कन्या महाविद्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग द्वारा डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती के उपलक्ष्य में ”वर्तमान परिप्रेक्ष्य में डॉ. अम्बेडकर की वैचारिकी“ विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में संयोजिका प्रो. एस.पी. वार्ष्णेय ने डॉ. अम्बेडकर जी के द्वारा दिग्भ्रमित समाज के विभिन्न आयामों जैसे-अस्पृश्यता, अशिक्षा, आर्थिक असमानता, जाति विभिन्नता आदि पर किए गये सुधारों की संक्षिप्त चर्चा की। छात्रा खुशबू ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला व कनिष्का द्वारा महिला शोषण पर कविता के रूप में मार्मिक प्रस्तुति दी गयी। श्रीमती सरिता देवी ने अम्बेडकर जी की शिक्षा व संघर्ष पर विचार प्रस्तुत किये। डॉ. रीना ने संविधान में शोषण से मुक्ति के लिए किये सभी प्रावधानों का उल्लेख किया।
डॉ. नसरीन बेगम ने डॉ. अम्बेडकर जी के जीवन व उनके विभिन्न कार्यों का वर्णन करते हुये इस शेर से अपनी बात शुरू करी:
”दुनियाँ में वही शख़्स है ताज़ीम के काबिल,
जिस शख़्स ने हालात का रुख़ मोड़ दिया हो।
उन्होंने छात्राओं को अस्पृश्यता को दूर करने हेतु प्रेरित किया। डॉ. भीमराव अम्बेडकर को याद करते हुए कहा कि:
मान एहसाँ हमारा हमारे वतन,
हमसे पहले था अंधेरा बहुत।
आई.क्यू.ए.सी. समन्यवयक प्रो. अमिता निगम ने शैक्षिक अनिवार्यता पर बल दिया, डॉ. कामना धवन ने अपनीे कविता के द्वारा सभी छात्राओं को बिना थके निरंतर प्रयास करने के लिए प्रेरित किया। डॉ. वन्दना कौशिक ने कार्यक्रम का संचालन करते हुये महिलाओं के उत्थान के लिए बाबा साहेब के किये गये प्रयासों की सराहना की।
कार्यक्रम में सभी विभागों की शिक्षिकायें व विभागाध्यक्षा उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का समापन करते हुये डॉ. शशिप्रभा ने छात्राओं को डॉ. अम्बेडकर जी के जीवन से शिक्षा लेते हुए आगे बढ़ने को कहा तथा अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया।