मुसलमान अब सोचने लगे हैं कि एक साथ राजनीति शुरू करने वाले मुलायम को भाजपा ने पद्म विभूषण और आज़म को जेल क्यों दिया
लखनऊ . मिर्जापुर के छानबे विधान सभा उप चुनाव के लिए जारी स्टार प्रचारकों की सूची में एक भी मुसलमान नेता का नाम नहीं होने पर अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सपा अब समझ चुकी है कि मुसलमान अब उसके साथ नहीं हैं. इसीलिए किसी मुस्लिम को उसने इस सूची में नहीं रखा. यह तथ्य शायद आरएलडी भी जान गयी है. इसीलिए सपा से उसका गठबंधन भी टूट गया है.
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सपा अब पूरी तरह मुस्लिम विरोधी रुख ले चुकी है और मुसलमान भी यह समझ गए हैं. उन्होंने कहा कि आम मुसलमान अब इस पर बात करने लगा है कि आज़म खान और मुलायम सिंह यादव ने एक साथ राजनीति शुरू की. लेकिन अंत में मुलायम सिंह को संघ की सेवा के लिए पद्म विभूषण मिला और संघ के विरोध के लिए आज़म खान को जेल. आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुलायम सिंह के परिवार को क्लीन चिट मिल गयी और सपा से दो बार सांसद और तीन बार विधायक रहे अतीक अहमद और उनके पूर्व सपा विधायक भाई को पुलिस कस्टडी में मौत मिली. मुसलमान यह भी समझने लगे हैं कि मुख्यमन्त्री रहते अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ के अपराधों की फाइल को क्यों दबा दिया.
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि स्वर्गीय मुलायम सिंह जी के समधी ओंकार यादव जी की बात अब सही साबित होती दिख रही है कि 2024 तक मुसलमान कांग्रेस में चला जाएगा और सपा हमेशा के लिए खत्म हो जायेगी.