नई दिल्ली। सूरत की एक अदालत ने मानहानी मामले की राहुल गांधी की खारिज कर दी है। कांग्रेस ने राहुल गांधी की मानहानि के मामले में दोषसिद्धि पर सत्र अदालत द्वारा रोक लगाए जाने से इनकार करने के निर्णय को कानूनी रूप से गलत करार देते हुए कहा कि वह निकट भविष्य में गुजरात उच्च न्यायालय में चुनौती देने समेत सभी उपलब्ध कानूनी विकल्पों का उपयोग करेगी।
पार्टी प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनू सिंघवी ने इसको लेकर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमारे पास जितने भी कानूनी विकल्प हैं, उसमें हम अपने अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करेंगे और जो ओबीसी के अपमान की बात कह रहे हैं, अब उसका उल्टा असर हो रहा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि ओबीसी वर्ग भी समझ चुका है कि नरेंद्र मोदी और भाजपा राजनीतिक रूप से उनके नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं।
सिंघवी ने कहा कि यदि कोई समझता है कि राहुल जी की आवाज रुकेगी-झुकेगी, वो न राहुल गांधी को जानते हैं… न कांग्रेस को समझते हैं। राहुल गांधी स्पष्ट व सच बोलते हैं। वह अपनी आवाज़ पुरजोर तरीके से सबके सामने रखेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘गलत कानूनी आधार पर जो (निचली और सत्र अदालत के) दो निर्णय आए हैं और उनको चुनौती दी जाएगी। हमें विश्वास है कि कानूनी रूप से गलती को ठीक किया जाएगा।’’ सिंघवी का कहना था कि राहुल गांधी के बयान को तोड़-मरोड़कर नया आयाम दिया गया जो पूरी तरह गलत है।
गौरतलब हो कि गुजरात में सूरत की एक सत्र अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ वाले बयान को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी ठहराये जाने के फैसले पर रोक लगाने की उनकी याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, कानून के तहत जो भी विकल्प हमारे लिए उपलब्ध होंगे, हम उन सभी विकल्पों का लाभ उठाना जारी रखेंगे। गत 23 मार्च को सूरत की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया था और दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी जिसके एक दिन बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया।