संवाद। नूरूल इस्लाम
कासगंज। माह -ए – रमजान के आखिरी जुमा को अलविदा जुमा की नमाज जनपद के शहर कासगंज,बिलराम,सोरों, अमापुर,सिढ़पुरा,सहावर, गंजडुंडवारा, पटियाली,भरगैन के ग्रामीण इलाकों में सुकून के साथ अदा की गई। कासगंज शहर की जामा मस्जिद समेत अन्य मस्जिदों पर अल्लाह की इबादत में हजारों रोजदारों के सिर झुके और मुल्क की बेहतरी एवं देश में अमन चैन की दुआएं मांगी गईं।
पाक माह रमजान का आखिर जुमा शुक्रवार को जुमा अलविदा की नमाज शांति पूर्ण माहौल में अदा की गई। अलविदा जुमा की नमाज को लेकर पुलिस प्रशासन भी सतर्क नजर आया। जुमा अलविदा को लेकर बच्चों में खासा उत्साह दिखाई दिया। । अलविदा का अर्थ है किसी चीज का जाना या रुखसत होना। पाक माह रमजान के सबसे आखिरी जुमे को अलविदा के नाम से पुकारा जाता है,चूंकि उसके बाद कोई जुमा नहीं आता और सीधे ईद आती है। इसलिए आखिरी जुमे को पढ़ी जाने वाली नमाज अलविदा की नमाज कहलाती है। वैसे तो इस्लाम में हर जुमा की अहमियत है, पर रमजान का आखिरी जुमा होने के चलते यह खास हो जाता है। जुमा अलविदा की नमाज के साथ ही ईद का इंतजार बेकरारी में बदल गया। ईद के अवसर पर बाजार भी गुलजार हो गए हैं। मुस्लिम समाज के लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं। सुरक्षा की दृष्टि से मस्जिदों पर पुलिस बल तैनात रहा।प्रशासनिक अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था की कमान सँभाले हुए थे।