मथुरा। श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद जमीन विवाद मामले में इलाहबाद हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। इस फैसले के अंतर्गत शाही ईदगाह ट्रस्ट और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की याचिकाओं को निस्तारित कर दिया गया है। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि मथुरा के जिला जज इस मामले में नए सिरे से सुनवाई शुरु करे।
अदालत के आदेश के अनुसार सभी पक्षकारों को मथुरा के जिला जज के समक्ष नए तरीके से अपनी दलीलों को पेश करना होगा। यानी हाईकोर्ट ने पूरे केस को मथुरा के जिला जज को वापस भेज दिया है। अब इस मामले में जस्टिस प्रकाश पाडिया की के आदेश के मुताबिक सुनवाई मथुरा के जिला जज के समाने होंगी। इस मामले में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की याचिका पर हस्तक्षेप करने से न्याायलय ने इंकार कर दिया है।
ये है मामला
मथुरा कोर्ट में श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से कहा गया कि याचिका को खारिज किया जाए। इस अर्जी पर जिला जज ने सिविल कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है। इसकी सुनवाई का आदेश पारित किया है। जिला जज की ओर से जारी इस आदेश को ईदगाह ट्रस्ट कमेटी और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने चुनौती दी थी। इस मामले पर ही कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है।
बता दें कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि और ईदगाह का विवाद पूरे 13.37 एकड़ जमीन को लेकर है। इस जमीन के मालिकाना हक को लेकर दोनों ही पक्ष आपस में लड़ रहे है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है। वहीं ढाई एकड़ जमीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है। वहीं हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही ईदगाह मस्जिद की जमीन पर भी हिंदूओं का ही हक है, जिसका की शाही ईदगाह द्वारा विरोध किया जा रहा है।
साभार – प्रभासाक्षी