- आमजन बोले, टीबी सहित अन्य स्वास्थ्य मुद्दों पर भी जनप्रतिनिधियों को करना चाहिए काम
आगरा। क्षय रोग यानि टीबी एक संक्रामक रोग है। यदि सावधानी न बरती जाए तो कोई भी स्वस्थ व्यक्ति संक्रमित हो सकता है और फिर अपने आसपास के लोगों को अस्वस्थ कर सकता है। समय से इलाज नहीं शुरू होने पर यह बीमारी जहां जान तक ले लेती है वहीं जीवन की आजीविका तक खत्म कर देती है। शायद यही कारण है कि इस निकाय चुनाव में भी सड़क, पानी जैसे मूलभूत सुविधाओं के साथ में क्षय रोग या स्वास्थ्य एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है।
स्वयं प्रत्याशी और जनता क्षय रोग और अन्य स्वास्थ्य के मुद्दों पर बात कर रहे हैं। कहीं जनता वोट मांगने आने वाले प्रत्याशियों से स्वास्थ्य को मुद्दा बनाने को कह रही है तो कहीं पर प्रत्याशी खुद ही लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरुक कर रहे हैं।
घटवासन क्षेत्र (वार्ड 44) की बहुजन समाज पार्टी की प्रत्याशी प्रियंका वर्मा ने बताया कि वह अपने क्षेत्र में लोगों को टीबी के प्रति जागरुक कर रही हैं। उन्होंने बताया कि जब वह जनसंपर्क करने क्षेत्र में गईं तो लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं व टीबी ग्रस्त पाया। अब वह क्षेत्रवासियों को मच्छरों से बचाव करके डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से बचाव के लिए जागरुक कर रही हैं। साथ ही टीबी के प्रति भी खुद जानकारी एकत्रित कर लोगों को जागरुक कर रही हैं। उन्होंने बताया कि यदि वह पार्षद बन जाएंगी तो क्षेत्र में टीबी जागरुकता शिविर भी लगवाया करेंगी।
दयालबाग निवासी रोहित ने बताया कि लोगों में क्षय रोग के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय पार्षदों को भी अपने क्षेत्र में जागरुकता बढ़ानी चाहिए। इससे टीबी मुक्त आगरा का सपना जल्द पूरा हो सकेगा। समाजसेवी और रेडक्रॉस सोसायटी ऑफ इंडिया के सदस्य डॉ. आशीष ब्रह्मभट्ट ने बताया कि भारत सरकार ने देश को 2025 तक टीबी मुक्त करने का नारा दिया है। इसी दिशा में अन्य जनप्रतिनिधियों को भी कार्य करना चाहिए। वार्ड 72 से निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र सिंह कुशवाह ने बताया कि वह पार्षद बनने पर अपने वार्ड को टीबी मुक्त करने का संकल्प लेंगे। इसके लिए वह अपने क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर लोगों को जागरुक करेंगे और स्पेशल स्क्रीनिंग कैंपेन संचालित करवाएंगे।