लोकतंत्र में धर्मग्रंथों से नहीं क़ानून के तहत होती है सज़ा
न्यायपालिका को मुख्यमन्त्री जी के बयान पर स्वतः संज्ञान लेना चाहिए
लखनऊ, . अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा है कि मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ सरकारी संरक्षण में पल रहे हत्यारों का मनोबल बढ़ा रहे हैं. इससे क़ानून के राज पर ही संकट मंडराने लगा है. न्यायपालिका को उनके संविधान विरोधी भाषा पर स्वतः संज्ञान लेना चाहिए.
गौरतलब है कि मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज की एक जनसभा में अतीक अहमद की न्यायिक हिरासत में हुई हत्या की तरह इशारा करते हुए रामचरित मानस को उद्धरित करते हुए कहा था कि जो जैसा करेगा वैसा ही फल मिलेगा.
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि लोकतंत्र में धार्मिक ग्रंथों के अनुसार किसी को सज़ा नहीं हो सकती. सज़ा क़ानून के अनुसार होती है. मुख्यमन्त्री जी का यह बयान क़ानून के प्रति उनकी हिकारत को दर्शाता है.
इससे सरकार के संरक्षण में पल रहे हत्यारों का मनोबल बढ़ेगा. अगर राजनीतिक द्वेष के तहत भविष्य में किसी भी विपक्षी नेता की हत्या होती है तो इसके लिए मुख्यमन्त्री जी का यह बयान ही ज़िम्मेदार माना जाना चाहिये.
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि भाजपा राज में क़ानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है. दलितों और पिछड़ों के खिलाफ़ होने वाले अपराध न सिर्फ़ बढ़े हैं बल्कि थानों में एफआईआर भी दर्ज नहीं हो रहे हैं. मुख्यमन्त्री जी अपनी नाकामियों को पवित्र धार्मिक ग्रंथों की चौपाइयों में छुपाने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं.