अन्य

क्या सुरक्षित है पाइल्स का लेजर सर्जरी से इलाज, इस बीमारी से छुटकारे के और कितने हैं विकल्प जानें इन सब सवालों के जवाब


आगरा। पाइल्स यानी बवासीर ऐसी बीमारी है, जो हर समय तकलीफ देती है पाइल्स यानी बवासीर ऐसी बीमारी है, जो हर समय तकलीफ देती है। अगर ठीक से इलाज न किया जाए और इसे रोका न जाए तो ये ऐसा मर्ज बन सकता है जो मरीज को बेहद मुश्किल में डाल देगा बवासीर के कई तरह से इलाज हैं। सड़क किनारे दीवारों पर या होर्डिंग पर अक्सर ऐसे स्लोगन लिखे दिख जाते हैं कि एक दिन में बवासीर से छुटकारा पायें या एक इंजेक्शन लगाते ही बवासीर से छुट्टी मिल जाएगी। ऐसे कई दावे किये जाते हैं, लेकिन क्या ये इतना आसान है? आखिर इसका इलाज क्या है. क्या दवाईयां खाकर इससे छुटकारा मिल सकता है।या फिर ऑपरेशन ही इलाज है।ऑपरेशन भी कराएं तो कैसा कराएं. क्या लेजर सर्जरी कराना भी ठीक रहेगा ऐसे कई सवाल हैं जो पीड़ित के मन में चलते हैं।


बवासीर जब बेहद मुश्किल पैदा कर देता है तो इसके ऑपरेशन की सलाह दी जाती है. बवासीर दो तरह की होती हैं. एक में इंटरनल पाइल्स होती है, जबकि दूसरी एक्सटर्नल पाइल्स यानी मांस (मस्सा) का एक छोटा सा हिस्सा बाहर की ओर निकला होता है. कई लोग इसे ऑपरेशन के जरिये ख़त्म करना चाहते हैं. डॉक्टर्स भी इससे छुटकारा पाने के लिए ऐसी ही सलाह देते हैं. अब सवाल उठता है कि कौन सा ऑपरेशन कराया जाये. एक में डॉक्टर्स ओपन सर्जरी करते हैं और दूसरा तरीका है लेजर सर्जरी है.

डॉ करन रावत ने बताया —ओपन सर्जरी से भी बीमारी का इलाज हो जाता है, लेकिन ये प्रक्रिया थोड़ा जटिल और दर्द देने वाली साबित भी हो सकती है. हालाँकि इसमें खर्च कम आता है, लेकिन सर्जरी के बाद पूरी तरह से स्वस्थ होने में एक हफ्ते का समय लग सकता है। वहीं, दूसरा तरीका है लेजर सर्जरी का. बवासीर की सर्जरी करने के लिए तमाम सर्जिकल प्रक्रियाओं में लेजर सर्जरी की महत्व बढ़ रहा है. अब अधिकतर ज्यादातर डॉक्टर उपचार के लिए लेजर सर्जरी की सलाह देते हैं. चलिए जानते हैं कि आखिर बवासीर की लेजर सर्जरी कितनी सुरक्षित है और इसके अलावा बवासीर के अन्य उपचार विकल्प क्या हैं? बवासीर की लेजर सर्जरी में लेजर किरणों की मदद से बवासीर के मस्सों को खत्म कर दिया जाता है।


बवासीर की लेजर सर्जरी कितनी सुरक्षित है

ब्लीडिंग नहीं होती है


अन्य सर्जिकल प्रक्रियाओं की तुलना में लेजर सर्जरी के दौरान गुदा क्षेत्र से कोई ब्लीडिंग नहीं होती है, अथवा ब्लीडिंग होती भी है तो नाम मात्र की होती है. क्योंकि उपचार के दौरान पिन पॉइंट लेजर बीम का उपयोग होता है.

कोई कट नहीं होता है

लेजर डिवाइस से निकलने वाली किरणें बहुत पतली होती हैं जो मस्सों तक रक्त पहुंचा रही नसों को ब्लॉक करके बवासीर का उपचार करती हैं. पिन पॉइंट लेजर किरणों का उपयोग होने के कारण गुदा क्षेत्र में कोई कट नहीं होता है. नतीजतन कोई बड़ा जख्म नहीं होता है. जबकि ओपन सर्जरी से उपचार कराने पर मस्सों को निकालने के लिए गुदा क्षेत्र में एक बड़ा कट लगाया जाता है।


इन्फेक्शन होने की बहुत कम संभावना

बवासीर के लेजर ऑपरेशन के दौरान गुदा क्षेत्र में कोई चीरा नहीं लगने से इन्फेक्शन होने की संभावना बहुत कम होती है. जबकि ओपन सर्जरी के दौरान कट लगने के कारण जख्म का आकार बड़ा होता है और उसमें इन्फेक्शन होने का खतरा अधिक होता है.

तेजी से होती है रिकवरी

बवासीर की लेजर सर्जरी में कोई बड़ा कट नहीं लगता है, इसलिए सर्जरी के बाद जख्म भरने में अधिक समय नहीं लगता है और रिकवरी भी तेजी से होती है. अगर बात की जाए ओपन सर्जरी के बाद रिकवरी टाइम की तो वह बहुत लम्बी होती है. रोगी को तकरीबन एक सप्ताह अस्पताल में गुजारने पड़ सकते हैं. लेजर सर्जरी के बाद रोगी को 24 घंटे के भीतर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है, साथ ही 48 घंटे बाद रोगी अपने जीवनशैली में शामिल सभी सामान्य काम कर सकता है. आमतौर पर ओपन सर्जरी के बाद रोगी को 7-8 दिन तक मलत्याग में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जबकि लेजर सर्जरी में ऐसा कोई दिक्कत नहीं आती है।


बवासीर का उपचार के अन्य सर्जिकल विकल्प

ओपन सर्जरी इसे बवासीर की पारंपरिक सर्जरी कहना गलत नहीं होगा, जिसमें डॉक्टर सर्जिकल नाइफ एवं अन्य उपकरणों का उपयोग करके मस्सों को गुदा मार्ग से अलग करते हैं. उपचार के दौरान तेज ब्लीडिंग होना, रिकवरी में अधिक समय लगना, इन्फेक्शन होने की संभावनाएं होना एवं रिकवरी के दौरान कई तरह की समस्याएं होती हैं.

स्टेपलर सर्जरी

ये सर्जरी बवासीर की ओपन सर्जरी से बेहतर मानी जाती है. स्टेपलर सर्जरी में डॉक्टर मस्सों को स्टेपल कर देते हैं जिससे मस्सों तक होने वाला रक्त संचार बंद हो जाता है और रोगी को कुछ ही दिनों में बवासीर से छुटकारा मिल जाता है. इस उपचार के बाद बवासीर के दोबारा होने की संभावना बनी रहती है

क्षार सूत्र

यह आयुर्वेदिक सर्जरी है, जिसमें क्षार से निर्मित सूत्र की मदद से मस्सों को बांध दिया जाता है और कुछ दिनों बाद मस्से सूख जाते हैं. एक आयुर्वेदिक सर्जरी होने के कारण इसमें बहुत समय लगता है और उपचार के दौरान रोगी को दर्द भी हो सकता है. इतना ही नहीं क्षार सूत्र से इलाज कराने के बाद बवासीर के दोबारा पनपने की संभावना बनी रहती है.

किसका चयन करें?

गुदा रोग विशषज्ञों की माने तो लेजर सर्जरी बवासीर का उपचार करने का सबसे अच्छा विकल्प है. क्योंकि एडवांस और सुरक्षित उपचार तकनीक होने के नाते उपचार में अधिक समय नहीं लगता है और रोगी को कोई जटिलता नहीं होती है. लेजर सर्जरी थोड़ी महँगी पड़ती है, लेकिन अब इसका विकल्प भी है. अब खर्चे का पेमेंट ईएमआई के जरिये यानी किश्तों पर भी कर सकते हैं. ये सुविधा सेफ सर्जरी एवम गैस्ट्रो सेंटर दे रहा है. लेजर सर्जरी ने काफी कुछ आसान बना दिया है. डॉ करन आर रावत (लेजर सर्जन ) बताते हैं कि दर्द रहित एवं एडवांस लेजर सर्जरी अब आसानी से हो रही है. हालांकि कुछ गंभीर मामलों में उपचार के लिए सिर्फ ओपन सर्जरी ही एक विकल्प बचता है. ऐसी स्थिति में आपको अपने डॉक्टर की सुननी चाहिए. ज़रूरी नहीं कि हर मामले में लेजर सर्जरी ही एकमात्र विकल्प हो. कई मामलों में ओपन सर्जरी ही करानी पड़ती है।

डॉ करन आर रावत
MBBS,MS,DMAS,FMAS,FAIS, mCRSA,FISCP,FALS,FIAGES,FICRS.
Robotic |Laproscopic|Laser surgeon and Gastro -intestinal expert.
Agra