आगरा। ऐतिहासिक जामा मस्जिद की सीढ़ियों की खुदाई का मामला फिर से सुर्खियों में है। सीढ़ियों की खुदाई को लेकर कथाव्यास देवकीनंदन ठाकुर कोर्ट पहुंच गए हैं। कोर्ट ने मामला स्वीकार कर लिया है। जवाब देने के लिए जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी, छोटी मस्जिद दीवाने खास जहांआरा मस्जिद आगरा किला, यूपी सेंट्रल वक्ख बोर्ड लखनऊ और श्रीकृष्ण सेवा संस्थान को नोटिस भेजा गया है। सभी को 31 मई तक अपना पक्ष रखना है। दोनों पक्ष को सुनने के बाद कोर्ट इस पर फैसला सुना सकता है।
कथाव्यास देवकीनंदन ठाकुर का दावा है कि आगरा की जामा मस्जिद में जो सीढ़ियां बनी हैं, उसके नीचे श्रीकृष्ण भगवान की मूर्तियां हैं।
दैनिक भास्कर से बातचीत में देवकीनंदन ने कहा, ”पहले हमारे देश में बाहर से आए मुगल आक्रांताओं ने सनातन धर्म और हिन्दु संस्कृति को नुकसान पहुंचाने और अपमानित करने के कार्य किए थे। 1670 में औरंगजेब ने मथुरा में हिन्दू जनमानस के आराध्य भगवान श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर प्राचीन ठाकुर केशव देव मंदिर को तोड़कर उस स्थान पर मस्जिद बनवा दी थी।”
उन्होंने बताया, ”औरंगजेब ने केशवदेव मंदिर की मूर्तियों को आगरा की जामा मस्जिद (जहां आरा बेगम मस्जिद छोटी मस्जिद) की सीढ़ियों के नीचे दबा दिया। सनातन धर्म और हिंदुओं को अपमानित करते हुए मुस्लिम लोग इन सीढ़ियों पर चढ़कर मस्जिद में जाते हैं। हमारे अराध्य भगवान की पवित्र मूर्तियों आज भी पैरों के नीचे रौंदी जा रही हैं।”
कथाव्यास देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, ”आगरा में अप्रैल में कथा के दौरान मुस्लिम समुदाय से अपील की थी कि वो भाईचारा निभाते हुए मस्जिद की सीढ़ियां खुदवाकर भगवान केशव देव की मूर्तियों को हिन्दु समाज को सौंप दें, जिससे मथुरा में उनकी सेवा-पूजा की जा सके।”
उन्होंने कहा, ”हमने सीढ़ी खुदाई में आने वाले खर्च भी देने की बात कही थी। लेकिन, समय सीमा पूरी होने के बाद भी मुस्लिम समाज की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया। अब हमें मजबूरन संविधान का सहारा लेना पड़ा है। इस लड़ाई के लिए श्रीकृष्णजन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट बनाया गया है, जो आगरा के कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ेगा।”
देवकीनंदन ने बताया, ट्रस्ट ने 11 मई को न्यायालय सिविल जज (प्रवर खण्ड), आगरा में वाद संख्या 518/23 डाला गया था। इसमें माननीय न्यायालय से आगरा की मस्जिद (जहांआरा बेगम मस्जिद) की सीढ़ियों में दबाई गई भगवान केशवदेव के विग्रहों को वापस दिलवाने की प्रार्थना की है।
ठाकुर देवकीनंदन महाराज ने कहा, ”मुस्लिम समाज के पास भाईचारा निभाने का 31 मई अंतिम अवसर है। वो बड़ा दिल दिखाते हुए कोर्ट में सीढ़ियां खोदने के लिए अपना समर्थन दें, नहीं तो कानून के जरिए हिंदू समाज अपने आराध्य को सीढ़ियों के नीचे से निकालकर मथुरा में मंदिर में ले जाएगा।”
उन्होंने कहा, वो कोर्ट से अपील करते हैं कि इस बार जन्माष्टमी तक मूर्तियां मंदिर में पहुंच जाएं तो जन्माष्टमी पर ठाकुरजी के भक्तों के लिए इससे बड़ी बात नहीं होगी।