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शिक्षक की ‘गंदी बातों’ से 35 छात्राओं ने छोड़ा स्कूल पुलिस कमिश्नर के आदेश पर धारा 323, 354, 506 तथा पॉक्सो 7,8 के तहत शिक्षक पर मुकदमा दर्ज

जिला मुख्यालय पर डीएम को सुनाई आपबीती
थाने में दी तहरीर, कमिश्नर ने जारी किए मुकदमे के आदेश

आगरा। स्कूल में शिक्षक द्वारा छात्राओं से गंदी बात करने पर 35 छात्राओं ने स्कूल जाना छोड़ दिया। जब थाने में सुनवाई नहीं हुई तो डीएम तथा कमिश्नर से कार्यवाही की मांग की। जिस पर कमिश्नर ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए। चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट के साथ छात्राओं ने जिला मुख्यालय पर आकर अधिकारियों को आपबीती सुनाई।

अंगों को छूकर करता है द्विअर्थी बात


शमशाबाद के लहरा गांव स्थित कंपोजिट विद्यालय में तैनात शिक्षक आशुतोष शर्मा जूनियर की छात्राओं से अश्लील हरकत करता है। तलाशी के बहाने छात्राओं के शरीर पर हाथ फेरता है, ऊपर जेब में हाथ डालता है और फिर द्वअर्थी बात करता है। रिवाल्वर दिखाकर धमकाता है। छात्राओं ने इसकी शिकायत शिक्षिका और परिजनों से की। 112 की टीम शिक्षक को पकड़कर थाने भी ले गई लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया। थाने में तहरीर भी दी गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। आक्रोशित ग्रामीणों ने विद्यालय में तालाबंदी भी कर दी।

छात्राओं तथा उनके परिजनों ने बाल अधिकारों की संरक्षण पर कार्य करने वाले चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस से संपर्क कर पूरी बात बताई तथा लिखित रूप में मदद मांगी। जिस पर नरेश पारस छात्राओं और उनके अभिभावकों को लेकर जिला मुख्यालय पहुंचकर डीएम नवनीत चहल से मिले। छात्राओं में जिलाधिकारी को पूरी बात बताई तथा कार्यवाही की मांग की। छात्राओं ने डीएम को बताया कि शिक्षक उनको परेशान करता है जिसके चलते तथा जूनियर की सभी 35 छात्राओं ने स्कूल आना बंद कर दिया। पिछले चार दिनों से कोई भी छात्रा विद्यालय नहीं जा रही है। जिलाधिकारी ने कार्यवाही का आश्वासन दिलाया

कमिश्नर ने दिए मुकदमे के आदेश
उधर कानूनी कार्यवाही के लिए नरेश पारस ने बच्चों और उनके अभिभावकों के साथ कमिश्नर कार्यालय में संपर्क किया। कमिश्नर डॉ प्रीतेन्दर सिंह ने मामले का संज्ञान लेकर तत्काल थाना शमशाबाद प्रभारी और सीओ को मौका मुआयना करने तथा मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी किए।

छात्राओं की हो काउंसलिंग
बच्चों की सुरक्षा पर लंबे समय से कार्यरत एवं बालिका सुरक्षा अभियान के नोडल प्रशिक्षक रहे नरेश पारस ने कहा कि आज भी स्कूलों में बच्चों के साथ यौन शोषण की घटनाएं हो रही हैं। बहुत कम मामले ही प्रकाश में आते हैं। स्कूलों में यौन शोषण रोकने के लिए जिला प्रशासन को ठोस कार्यवाही करनी चाहिए। शिक्षक के विरुद्ध पॉक्सो एक्ट के तहत कार्यवाही कर सेवा समाप्त कर देनी चाहिए। बच्चों की काउंसलिंग कराई जाए जिससे कि वह दोबारा से स्कूल जाकर अपनी पढ़ाई कर सकें।