आगरा। अंगदान समाज के लिए एक चमत्कार साबित हो सकता है। प्रत्यारोपण के उद्देश्य के लिए गुर्दे, हृदय , लिवर,आंख,छोटी आत ,हड्डियां , त्वचा और नसों से अंग दान किए जाते हैं। अंगदान करने वाला व्यक्ति इस महान कार्य के माध्यम से अंग प्राप्तकर्ता को नया जीवन देता है। अंगदान की प्रक्रिया को दुनिया भर में प्रोत्साहित किया जाता है ।अंगदान को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न देशों की सरकारों ने अलग-अलग प्रणालियां स्थापित की है हालांकि अंगों की आपूर्ति की तुलना में अंगों की मांग अभी भी काफी अधिक है।
इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए ।जन जागरूकता एक प्रभावी शस्त्र साबित होगा इस पुनीत कार्य के लिए। अंगदान तब होता है जब किसी व्यक्ति के शरीर के अंग को उसकी सहमति से हटा दिया जाता है ,अगर वह जीवित है तो उसकी आज्ञा से और यदि उसकी मृत्यु हो गई है तो उसके अपने परिवार के सदस्यों की अनुमति से अनुसंधान या प्रत्यारोपण के उद्देश्य के लिए। अंगदान प्रक्रिया जटिल जरूर है परंतु बहुत ही नेक कार्य है।
जीवित रहते हुए भी दान पुण्य में व्यक्ति लगा रहता है और जीवन के बाद भी वह इस कार्य को कर सकता है ।हमारे पूर्वज दधीचि ने मानवता के कल्याण के लिए अपनी हड्डियों तक को दान दे दिया था। भारतवर्ष में यह कार्य युगों युगों से होता रहा है ।जीवित दाताओं को अंग दान करने से पहले संपूर्ण चिकित्सा परीक्षणों की आवश्यकता होती है इसमें दाता के मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन में यह सुनिश्चित करना भी शामिल है कि क्या वह दान के परिणामों को समझता है और इसके लिए वास्तव में सहमति देना चाहता है।
मृत्युदाता के मामले में सबसे पहले यह सत्यापित किया जाता है कि दाता मर चुका है या नहीं। चिकित्सक द्वारा मौत का सत्यापन कई बार किया जाता है तब यह निर्धारित किया जाता है कि उस के किसी भी अंग का दान किया जा सकता है ।मृत्यु के बाद शरीर को वेंटिलेटर पर रखा जाता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके की अंगअच्छी स्थिति में रहे । ज्यादातर अंग शरीर के बाहर कुछ घंटों के लिए ही काम करते हैं और इस प्रकार सुनिश्चित किया जाता है कि वे शरीर से हटाने के तुरंत बाद प्राप्तकर्ता तक पहुंच सके ।
दाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए अंगदान करने हेतु जनता के बीच संवेदनशीलता जगाने की आवश्यकता है ।इस ओर सरकार ने कुछ कदम भी उठाए हैं। टीवी और इंटरनेट के द्वारा जागरूकता फैलाई है। हालांकि अभी भी मांग और पूर्ति के बीच के अंतर को खत्म करने के लिए हमें लंबा रास्ता तय करना है।
विभिन्न एनजीओ भी एक बड़ा रोल अदा करते हैं ,जन जागरूकता के लिए! आज रोटरी क्लब डिस्ट्रिक्ट ३११०ने मथुरा से लेकर बरेली तक और झांसी से लेकर काशीपुर तक सभी स्थानों पर एक साथ लगभग 11:00 बजे अंगदान हेतु सदस्यों को स्वैच्छिक प्रतिज्ञा दिलवाई ।सदस्यों ने फॉर्म भरे एवं जनता को जागरूक किया । सैकड़ों की संख्या में भाग लेकर सदस्यों ने एक नवीन कीर्तिमान स्थापित किया।