आगरा। ललित कला संस्थान, संस्कृति भवन, सिविल लाइन्स, आगरा के छात्रों द्वारा आयोजित वार्षिक प्रदर्शनी 23 का 3 दिवसीय आयोजन ललित कला संस्थान के छात्र छात्राओं के द्वारा किया गया है, जिसका शुभारंभ डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर आशुरानी जी की प्रेरणा से किया गया, शुभारंभ विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर अजय तनेजा जी ने माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर तथा फीता काटकर किया। यह डिग्री शो 29, 30 और 31 मई तक के लिए सुबह 11 से 4 बजे तक आयोजित किया गया है।
प्रति कुलपति प्रोफेसर अजय तनेजा छात्रों के सभी कार्यों को देखकर अभिभूत हुए तथा कहा कि उन्हें सभी रचनात्मक कार्यों से ऊर्जा और सभी छात्रों को प्रोत्साहित करने का मौका मिला है।
उन्होंने ललित कला संस्थान के सभी छात्रों को आवश्यक सुविधाओं को देने की बात कही ललित कला संस्थान के निदेशक डॉ संजय चौधरी ने छात्रों को अवसर प्रदान किया कि वे इस प्रदर्शनी में अपने सभी श्रेष्ठ वार्षिक कार्यों का प्रस्तुतिकरण करें। यह प्रदर्शनी कलाकार छात्रों द्वारा संचालित किया जा रही है।
ललित कला संस्थान परिसर को संस्थान के छात्रों सुदेश, लोकेन्द्र, अंशिका, हेमंत, मार्वी, शैव्या, निधि आदि ने भव्य बनाने में योगदान किया है। आर्ट गैलरी को प्रदर्शित करने में आयुषि, अग्रिमा, शिखा, भावना, साम्यदेव ।मंडल आदि छात्र-छात्राओं ने विशेष प्रयास किया है। हरिओम कुमार और विशाल ने फिल्म और फोटोग्राफी, डेकोरेशन में कार्य किया, शिवानी शर्मा की क्रिएटिव पेंटिंग, पलाश अवस्थी की क्रिएटिव कम्पोजिशन, रोहित कुशवाह का ग्रामीण जीवन, रूपाली शाक्य का रहस्यमयी सेल्फ पोर्ट्रेट, निषिध गौतम का रियलिस्टिक पेंसिल पोर्ट्रेट, अनामिका वर्मा और ईशिता वार्ष्णेय का स्टीपलिंग कार्य और कॉस्मिक व पाखी व निवेदिता द्वारा फ़ोटोग्राफी, प्रथम वर्ष के छात्रों की कला बिना रंगों की पेंटिंग, रवि दुवे, नासिर खान, ध्रुव कुमार और ब्रिजेश कुमार का टेराकोटा
कार्य, प्रिया भदौरिया की सिपाही की अनमोल यादें और परवरिश।
अप्लाइड आर्ट्स से भूमि, जागृति, निवेदिता, मिथि, निधि चतुर्वेदी, कुलदीप, ललित, आकिफ, फ़ोटोग्राफी, अंग्रेजी हिंदी इस्लामिक कैलीग्राफी, स्केचिंग, डिजिटल इलस्ट्रेशन, डिजिटल विज्ञापन जैसे कई विधाओं में अपना काम प्रदर्शित किया है। सुदेश कुमार की रंगोली पोर्ट्रेट ने लोगों में विशेष आकर्षण पैदा किया।
संस्थान के निदेशक प्रोफ़ेसर संजय चौधरी और शिक्षक देवेंद्र कुमार, दीपक कुलश्रेष्ठ, डॉ मनोज कुमार और डॉ शीतल देवरिया, डॉ ममता बंसल, गणेश कुशवाह, देवशीष गांगुली, डॉ अलका शर्मा, डॉ शार्दुल मिश्रा और डॉ अरविंद राजपूत आदि सभी शिक्षकों ने अपना योगदान दिया। इस प्रदर्शनी में प्रोफेसर लवकुश मिश्रा प्रोफेसर यूएन शुक्ला विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी श्रीमती पूजा सक्सेना भी उपस्थित रहीं
यह प्रदर्शनी सभी के लिए निशुल्क 3 दिन लगातार अवलोकनार्थ सभी नागरिकों और स्कूल के छात्रों के लिए भी खुली रहेगी।