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बांदा में डायरिया डायन मारे जात है : हॉस्पिटल फुल, स्ट्रेचर पर चल रहा है इलाज


संवाद/ विनोद मिश्रा


बांदा। मौसम के बदले मिजाज का असर लोगों पर पड़ रहा है।दिन में सूरज की भारी तपिश और भीषण बिजली कटौती के मौसम में अस्पताल में डायरिया के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। इसमें बीच में हो रहीं बूंदा -बांदी से उमस भी बढ़ जाती है। अस्पतालों के हालत यह है की फुल से हो गए हैं!डायरिया के साथ वायरल फीवर के तेजी से बढ़ रहे केस लोगों को मुश्किल में डाल रहा है। एक ओर तापमान कभी 47 के पार पहुंच जाता है तो दूसरीओर एक पखवारा से भीषण बिजली कटौती नें डायरिया को परवान चढ़ा दिया है।

अस्पताल में डायरिया के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं।
छोटे-छोटे बच्चे भी बीमारी का शिकार हो रहे हैं। इन दिनों जिला अस्पताल की ओपीडी भी दो गुनी हो गई है। जिला अस्पताल में इस समय 1700 मरीज हर रोज आ रहे हैं। जहां अस्पताल के बेड्स फुल हो गए हैं। मरीज स्ट्रेचर पर इलाज कराने को मजबूर हैं। इन दिनों वायरल फीवर के साथ डायरिया, लू से ग्रसित मरीजो की संख्या बढ़ी है।


इस मौसम में बच्चे से लगाकर बूढ़े तक मौसमी बीमारियों से परेशान हैं। लू लगने के बाद डायरिया के साथ वायरल फीवर तेजी से बढ़ रहे हैं। डॉक्टरों के चेम्बर्स में मरीज ही मरीज दिखाई दे रहे हैं।इन दिनों प्रतिदिन जिला अस्पताल में 100 से ज्यादा मरीज भर्ती किए जा रहे हैं।125 बेड के अस्पताल में इतने मरीज भर्ती हो रहे है कि मरीजों को बेड मिल पाना मुश्किल है। मरीज स्ट्रेचर और जमीन पर इलाज कराने को मजबूर हैं।