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दरगाह हजरत औलिया बाबा रहमतुल्लाह अलैह पर हुआ ग्यारहवीं शरीफ की फातिहा का एहतमाम

आगरा। हजरत औलिया बाबा रहमतुल्लाह अलैह की छीपीटोला हन्ना गली स्थित दरगाह पर गौसुल आजम हजरत शेख अब्दुल कादिर जिलानी रहमतुल्लाह आले की ग्यारहवीं शरीफ की फातिहा का आयोजन बड़ी ही अकीदत के साथ किया गया फातिहा दरगाह के सज्जादा नशीन मियां मोहम्मद हुसैन रशीदी ने पड़ी फातिहा हाजिरी लगाने बड़ी संख्या में अकीदत मंद लोगों से कहा कि हजरत गौसे आजम पीराने पीर दस्तगीर है आपके दर से हर वह चीज मिलती है जो आप के वसीले से मांगी जाती है।

गौसुल आजम की चौखट से हर दिल की मुराद पूरी होती है शेख अब्दुल कादिर जिलानी ने अपनी जिंदगी राहे अल्लाह के मुताबिक गुजारी आपकी खानकाह मैं जो भी आया वह कभी खाली हाथ नहीं गया जिस ने जो मांगा मेरे गौसुल आजम ने वही चीज अता कर दी आप बचपन से ही अल्लाह थे आपको अल्लाह तबारक ताला ने अपना महबूब बनाकर इस दुनिया में भेजा आपने तालीम इस तरह हासिल की कि जिस वक्त आप मदरसे में पढ़ने बैठे तो अपने उस्ताद को 18 कुराने पाक के पारे सोना दिए जब मौलाना ने गौसुल आजम से पूछा कि यह सब कुछ कैसे हुआ।

तब आपने फरमाया की जब मैं अपनी मां के शिकम में था सब मेरी मां कुराने पाक के पारो को दोहरा दी थी और मैं पेट में रहते हुए इन अट्ठारह पारो का हाफिज बन गया हम सभी को गौसुल आजम की निस्बत मोहब्बत रखनी चाहिए जिससे कि हमारी दुनिया वा आखिरत सबर सके