उत्तर प्रदेश

टकराव से बचना अक़्लमंदी- हाजी मुहम्मद इक़बाल

आगरा। नहर वाली मस्जिद के ख़तीब व इमाम जुमा हाजी मुहम्मद इक़बाल ने ख़ुत्बा ए जुमा में कहा कि आज के जुमा के ख़ुत्बे में बात होगी एक ऐसे उसूल की जिसको हम सब एक ख़ास मौक़े पर तो अपनाते हैं लेकिन पर्मानेंट अमल में नहीं लाते, वो उसूल है ‘टकराव से बचना’ कि जब बारिश आती है तो आप बारिश से बचने के लिए फ़ौरन किसी साये वाली जगह चले जाते हैं ताकि आप भीगने से बच जाएँ, इसी तरह जब ज़लज़ला आता है तो आप खुली जगह आने की फ़ौरन कोशिश करते हैं ताकि आप सुरक्षित रहें, क्योंकि बारिश और ज़लज़ला दोनों ही ऐसे हैं जिनसे आप बचने की कोशिश करते हैं अगर आप बारिश से बचने के लिए खुले मैदान में ही रहें तो बचना मुमकिन नहीं इसी तरह अगर ज़लज़ले के वक़्त आप घर के अन्दर ही रहें तो भी ख़तरे में हैं तो आपने इसका हल ये निकाला कि आपने फ़ौरन जगह बदल ली। यही अक़्लमंदी है वरना आप नुक़्सान वाली लिस्ट में आ जाते, क्योंकि दोनों चीज़ें आपके बस में नहीं हैं, कि आप उनको रोक सकें या उनको कंट्रोल कर सकें, इससे ये उसूल मालूम हुआ कि अगर कोई चीज़ आपके बस में नहीं है तो अक़्ल ये कहती है कि ख़ामोशी से अलग रहें उससे टकराव न करें नहीं तो नुक़्सान वाली लिस्ट तैयार है। लेकिन हम बाक़ी जगहों पर इस उसूल को बिल्कुल नज़र अन्दाज़ कर देते हैं और इस तरह वो टकराव वाली स्थिति बन जाती है। सीधी बात ये समझने की है कि अगर कहीं भी हमको ये महसूस हो कि ये काम ‘हमारे बस का नहीं है’ तो हमें उससे बचना ही बेहतर है, यही कामयाब उसूल है। बहुत सी मिसालें आप इसमें शामिल कर सकते हैं, क़ुरान में अल्लाह तअ़ाला ने सूरह अनअ़ाम आयत नम्बर 32 में बहुत साफ़ तौर पर कहा है “तुम अक़्ल से काम क्यों नहीं लेते ?” इसीलिए हमारे लिए ज़रूरी है कि क़ुरान के इस ‘पैग़ाम’ को हमेशा याद रखें तो बहुत सी परेशानियों से बच सकते हैं, अल्लाह हमें क़ुरान पर अमल करने की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए। आमीन।