67 साल में मछुआ समाज को मात्र 3 हजार करोड़ दिए गए, अब मोदी सरकार ने 09 साल में 26 हजार करोड़ रुपए दिए
आगरा। जनपद आगमन पर केंद्र सरकार के 09 वर्ष के कार्यकाल पूर्ण होने पर सर्किट हाउस में कैबिनेट मंत्री मत्स्य विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार,डॉ संजय कुमार निषाद ने प्रेसवार्ता की तथा सूरसदन प्रेक्षागृह में एक दिवसीय कार्यशाला में सम्मिलित होकर विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर वित्त वर्ष 23-24 विभिन्न योजनाओं यथा प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, मछुआ कल्याण कोष, मछुआ दुर्घटना बीमा योजना, निषाद राज बोट योजना की समीक्षा की।
मंत्री ने विभागीय योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु मंडल के मत्स्य पालकों/ कृषकों तथा प्राथमिक मत्स्य जीवी सहकारी समितियों के सदस्यों को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, मत्स्य पालक कल्याण कोष एवं निषाद राज बोट योजना में आवेदन करने व देय अनुदान की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन विभागीय पोर्टल fisheris.gov.in पर दिनांक 15 जून 2023 तक आवेदन किया जाएगा। मा. मंत्री महोदय ने बताया कि पहले हमारी अर्थव्यवस्था 10वें नंबर पर थी प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में अब हम विश्व में 5वें नंबर पर हैं, वह ब्रिटेन जिसने हमें 250 साल गुलाम बनाया आज हमारी अर्थव्यवस्था उससे आगे है।
पहले केन्द्र सरकार द्वारा भेजा गया पैसा का 85 प्रतिशत भ्रष्टचार में तथा 15 प्रतिशत लोगों तक पहुंचता था मोदी सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है कि सीधे लाभार्थी के खाते में पूरा पैसा पहुंचता है। मोदी सरकार आने के बाद अब कोई भूखा नहीं रहता, पहले गोदामों में अनाज सड़ जाता था आज सरकार 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दे रही है, मोदी सरकार ने बिना भेदभाव,जाति, धर्म के योजनाओं को धरातल पर पहुंचाया है।
मा.मंत्री ने बताया कि 67 साल में मछुआ समाज को मात्र 3 हजार करोड़ दिए गए जबकि इस समाज की आबादी 18 प्रतिशत है, मोदी सरकार आने के बाद 9 साल में ही 26 हजार करोड़ रुपए दिए गए, मछुआ समाज के लिए 30 परियोजना चलाई तथा इनमें महिलाओं के लिए 60 प्रतिशत सब्सिडी की व्यवस्था की गई है। पहले पिछड़ों को हक नहीं मिलता था आज मोदी जी सभी के कल्याण हेतु योजना बना रहे हैं, सभी के लिए मकान, अनाज, दवाई की व्यवस्था की जा रही है।
उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में मत्स्य विभाग के अन्तर्गत भारत सरकार की प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजनार्न्तगत निजी भूमि पर तालाब निर्माण इत्यादि के साथ राज्य पोषित नवीन योजना निषाद राज बोट याजना और मत्स्य पालक कल्याण कोष आदि विभिन्न मात्स्यिकी परियोजनाओं के लाभ से जन मानस को आच्छादित करने लिए योजना बनाई गई हैं।
उन्होंने कहा है कि आम जन मानस मत्स्य पालन हेतु विभिन्न परियोजनाओं में लाभ प्राप्त करने हेतु नियत तिथि तक अधिक से अधिक आवेदन कर लाभ उठायें। सभी परियोजनाओं में देय अनुदान धनराशि DBT/PFMS पोर्टल से लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे उसे देय होगी। योजनाओं का विस्तृत विवरण, इकाई लागत, आवेदन की प्रक्रिया आवेदन के साथ संलग्न किए जाने वाले अभिलेख उक्त विभागीय पोर्टल पर देखकर आवेदन किया जा सकता है।