लखनऊ। जब दलित और मुसलमान एक साथ कांग्रेस को वोट करते थे तब पूरे देश से भाजपा के सिर्फ़ दो सांसद होते थे। अगर फिर से भाजपा को दो सीटों पर पहुंचाना है तो फिर से दलितों और मुसलमानों को कांग्रेस को वोट करना होगा। इसी समीकरण को दलित आबादी में स्थित चाय की दुकानों पर 15 से 25 जून तक अल्पसंख्यक कांग्रेस कार्यकर्ता लोगों को समझाने का काम करेंगे। ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 100 कड़ी में कहीं।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि उत्तर प्रदेश के दलितों और मुसलमानों के रुख पर ही 2024 का परिणाम निर्भर करेगा। दोनों ही समुदायों को समझ में आ गया है कि अगर भाजपा को हटाना है तो कांग्रेस में लौटना होगा। सपा और बसपा में बंटने से सीधा फ़ायदा भाजपा को होता है। संविधान के खतरे में पड़ने से सबसे ज़्यादा नुकसान भी मुसलमानों और दलितों को ही हो रहा है।
उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस दलित बहुल मुहल्लों की तीन हज़ार चाय की दुकानों पर संविधान को बचाने का संकल्प दिलवाया जाएगा। इसके तहत भाजपा सरकार में आरक्षण, दलित उत्पीड़न और दलितों की ज़मीनों पर गैर दलितों के क़ब्ज़े के सवाल पर चर्चा की जाएगी।