संवाद – विनोद मिश्रा
बांदा। जलशक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद किसानों से जुड़ी नहरों की व्यवस्था में सुधार के प्रति बहुत संजीदा हैं। उन्होंने से कहा की नहरें किसानों और ग्रामीण क्षेत्र की जीवन रेखा हैं।प्रदेश के बड़े भू-भाग में सिंचाई का सबसे अधिक प्रयोग किए जाने वाला यह माध्यम है।
जलशक्ति राज्य मंत्री देर शाम अनौपचारिक वार्ता में रूबरू थे। उन्होंने बताया की नहरों की व्यवस्था को सुधारने के लिए उन्होंने कई बदलाव किए हैं। नहरों एवं बाढ़ राहत तैयारियों पर उन्होंने विस्तृत बात की। कहा की फसल की बुवाई के समय से पूर्व अभियान चला कर नहरों की सिल्ट सफाई हो जायेगी। धान की रोपाई आदि के पहले अधिक से अधिक नहरों, राजवाहा, माइनर आदि की सफाई के लिए निर्देश दिये है। इस पर तेजी से कार्य हो रहा है। मैं स्वयं मौके पर जाकर तैयारी देख रहा हूं।
जलशक्ति राज्य मंत्री निषाद नें बताया की सख्त हिदायत दी है की हर हाल में टेल तक पानी पहुंचे।नहरों के साथ ही पटरियों को भी ठीक करने के लिए कहा गया है। साथ ही नहरों की पुलिया को ठीक कर रंगाई पुताई करने का निर्देश दिये है। पुलिया पर गांव के लोग शाम को आकर बैठते हैं। इसलिए पुलिया ठीक-ठाक और रंगी-पुती होगी तो गांवों की परंपरा बरकरार रहेगी।
अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे नियमित भ्रमण करें। नहर सफाई कार्य को देखें। टेल तक पानी पहुंचने की जांच करें। तहसील मुख्यालयों पर रुकें। जेई की मीटिंग नियमित करें।
जलशक्ति राज्य मंत्री निषाद नें बताया की साथ ही मैं स्वयं सिंचाई विभाग की अलग-अगल इकाईयों के साथ बैठकें कर रहा हूं।सिंचाई के अन्य संसाधनों के लिए क्या कर रहे हैं? के जवाब में मंत्री रामकेश नें बताया की लघु सीमांत, उथला पंप, गहरे पंप, सोलर पंप आदि किसानों को उपलब्ध कराने की योजना का प्रदेश में लाखों किसान उठा रहे हैं। इससे उनकी उत्पादकता में वृद्धि हुई है।
जलशक्ति राज्य मंत्री निषाद नें बाढ़ राहत की तैयारियों पर बताया की पूरे राज्य में बाढ़ राहत के कार्य 15 जून तक पूरे कर लिए जाएंगे। जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि राहत से संबंधित कार्य जून माह में ही पूरे कर लें। हमारा प्रयास है कि बाढ़ से हर व्यक्ति को जन -धन हानि से बचाया जाए।