संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा।आनलाइन आवेदन की कैफ़ो में मारामारी बढ़ गईं है। छात्रों में एडमीशन को लेकर जियरा धक -धक कर रहा है। क्या होगा अंजाम इसका कुछ ज्ञान नहीं है। मेरिट की उछाल और सीटों की संख्या का निर्धारण फिलहाल तो महज अंदाजे बयां के दौर में है।
जिले के चार राजकीय व वित्तपोषित महाविद्यालयों सहित 65 स्व वित्त पोषित महाविद्यालय हैं। प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हैं। छात्र-छात्राओं की साइबर कैफों में बेशुमार लाइनें हैं। इधर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय नें सीटों का निर्धारण नहीं किया। इस वर्ष भी मेरिट के आधार पर प्रवेश मिलेगा। मेरिट सूची विश्वविद्यालय तय करेगा।
यूपी बोर्ड में इंटर मीडिएट के 15,949 व सीबीएसई बोर्ड के करीब तीन हजार छात्र-छात्राएं उत्तीर्ण हुए हैं। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने प्रवेश प्रक्रिया शुरू करा दी है। कैफों में ऑनलाइन आवेदन करने वाले छात्र-छात्राओं की लाइनें धक्का -मुक्की खा रही हैं। छात्र प्रवेश के चिंतित हैं। जिले में चार राजकीय व वित्त पोषित महाविद्यालयों सहित 65 स्व वित्तपोषित महाविद्यालय है।
पिछले वर्ष विश्वविद्यालय ने इनमें बीए, बीएससी, बीकॉम में प्रवेश के लिए कमोवेश तीन हजार सीटें निर्धारित की थी। बड़ी संख्या में प्रवेश नहीं मिला। प्राइवेट रूप में डिग्री परीक्षा में बैठना पड़ा था। इस वर्ष विश्वविद्यालय से सीटें बढ़ाए जाने का अनुरोध किया गया है। अगर सीटें नहीं बढ़ीं तो मेरिट 80 प्रतिशत के ऊपर पहुंच जाएगी।हजारों छात्र-छात्राएं दाखिले से वंचित रह जाएंगे। बताया कि विश्वविद्यालय ने अभी छात्र-छात्राओं से ऑनलाइन आवेदन मांगे है। जून के अंत तक या जुलाई माह में सीटों की स्थिति का खुलासा होगा। फिर सीटों के मेरिट का अंदाजा लगेगा।