अन्य

रमेश मिश्रा – मानवतावादी वाम योद्धा


आगरा। माथुर वैश्य सभागार में कॉमरेड रमेश मिश्रा की पुण्यतिथि के अवसर पर एक वैचारिक गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस वैचारिक गोष्ठी का विषय रहा, जनवादी कम्युनिस्ट का संघर्ष।”
सर्वप्रथम रमेश मिश्रा के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
गोष्ठी का प्रारंभ करते हुए आगरा इप्टा के महासचिव दिलीप रघुवंशी ने रमेश मिश्रा के जीवन और उनके सामाजिक योगदान पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय महिला फ़ैडेरेशन आगरा की संरक्षिका सरला जैन ने की।

मुख्य वक्ता राज्य सभा सांसद, केरल सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री व भाकपा के राष्ट्रीय सचिवमंडल सदस्य बिनोय विस्वम ने रमेश मिश्रा को नमन करते हुए कहा कि रमेश मिश्रा दलित, शोषित, मज़दूर वर्ग व अल्पसंख्यक समुदाय के लिए आजीवन लड़ते रहे। आज जिस प्रकार समाज में सत्ता के लिए विष वमन हो रहा है और सबका साथ – सबका विकास नारे की आड़ में जिस प्रकार केवल अडानी अंबानी का विकास किया जा रहा है तो ऐसे समय में रमेश मिश्रा के मिशन को आगे बढ़ाना हमारी महती ज़िम्मेदारी है। मोदी शाह का हिंदुत्व गौडसे का है ना कि गांधी का। गांधी का विश्वास रघुपति राघव राजा राम सबको संमति दे भगवान वाला है।
इस अवसर पर आगरा इप्टा के कलाकारों भगवान स्वरूप योगेंद्र, असलम ख़ान, सूर्यदेव, संजय कुमार आदि ने परमानंद शर्मा के संगीत निर्देशन में अपने चिर परिचित अंदाज़ में रमेश मिश्रा को गीतांजलि के रूप में श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
सर्वप्रथम राजेंद्र रघुवंशी रचित गीत, “लाल किरण धरती पर उतरी” को प्रस्तुत किया। फिर दूसरा गीत, “रमेश मिश्रा एक सच्चे इंसान थे” की भावपूर्ण प्रस्तुति दी गई जिसको सुन कर सभी की आँखें नम हो गईं। अंत में गोपाल दास ‘नीरज’ रचित गीत “इसीलिए तो नगर नगर बदनाम हो गए मेरे आँसू” ने तो अलग ही समां बाँध दिया।
दूसरे वक्ता उत्तर प्रदेश भाकपा के राज्य सचिव अरविंद राज स्वरुप ने कहा कि आज जो भाजपा सामाजिक वैमनस्यता बढ़ा रही है और देश को गर्त में ले जा रही है, ऐसे समय में रमेश मिश्रा के आदर्श हमारी पूंजी हैं। हमें इन फा़सीवादी शक्तियों से रमेश मिश्रा की विचारधारा के साथ लड़ना होगा।
इस अवसर पर भाकपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. गिरीश शर्मा को भी आना था परंतु स्वास्थ्य कारणों से ना आ सके व अपनी श्रद्धांजलि फ़ोन द्वारा प्रेषित की।
अन्य वक्ताओं में भाकपा आगरा के ज़िलामंत्री कॉ पूरन सिंह, ओम प्रकाश प्रधान, डॉ. ज्योत्स्ना रघुवंशी, डॉ. जे. एन. टंडन, डॉ. जवाहर सिंह ढाकरे व एन. एस. श्रीवास्तव, एस. के. खोसला, प्रतिमा मिश्रा व शकील चौहान रहे।
गोष्ठी में रमेश मिश्रा के जीवन संघर्ष पर प्रकाशित व दिलीप रघुवंशी एवं नीरज मिश्रा द्वारा संपादित पुस्तक “मानवतावादी वाम योद्धा” का विमोचन किया गया।
कार्यक्रम का सफल संचालन दिलीप रघुवंशी ने किया व अंत में रमेश मिश्रा के सुपुत्र नीरज मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।