चातुर्मास प्रवास पर नेपाल गौरव प्रवचन प्रभाविका महासती श्री पूजाज्योति के प्रवचनों से अविभूत हुए जैन अनुयायी
पारस पर्ल्स सोसायटी, लोहामंडी में चल रहे हैं प्रतिदिन प्रवचन, हर आयुवर्ग का चित्त ज्ञान गंगा से हो है रहा पावन
आगरा। जीवन का वास्तविक लक्ष्य जन्म मरण से मुक्ति है। यदि मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करना चाहते हैं तो जीवन में तीन उपायों का सदैव पालन करें। पहला प्रभु नाम का स्मरण, दूसरों का सम्मान करना और तीसरा है अपनी स्वयं की आत्मा का उत्थान करना। समाज के लोगों को जीवन की दिशा और दशा देने का ये प्रवचन दिया नेपाल गौरव प्रवचन प्रभाविका महासती श्री पूजाज्योति जी ने। जैन साध्वी चातुर्मास प्रवास पर आगरा पधारी हुयी हैं।
पारस पर्ल्स सोसायटी, खतैना रोड, लोहामंडी पर इन दिनों जैन साध्वियों का प्रवास एवं प्रवचन चल रहे हैं। 25 जून 2023, दिन रविवार को जैन साध्वी पूजाज्योति ने आगे कहा कि जीवन की आपाधापी सिर्फ महानगरों तक ही सीमित नहीं रह गयी। हर शहर, हर मोहल्ले के अधिकांश परिवारों में सत्संग के लिए समय नहीं होता। देर से सोना, देर से उठना चलन बन चुका है। धन आवश्यक है लेकिन धर्म के बिना धन किसी काम का नहीं रहता। यदि धन से उत्पन्न विकृतियों का अंत चाहते हैं तो धर्म से जुड़िये। जो संयम से जीता है उसका धर्म अमृत बन जाता है। साध्वी ने अपनी वचनों से संगठित होकर कार्य करने के लिए प्रेरित किया। कहा अहंकार भाव रहित होकर जो कार्य संगठन के भाव से किया जाता है वो अधिक प्रभावी होता है। उन्होंने कहा कि किसी का नाम होता है, किसी का काम होता है। उन्होंने श्रीभागवत पुराण में वर्णित एक वृतांत का उल्लेख करते हुए कहा कि किसी की निंदा, हिंसा, जैसे दुर्व्यवहार से स्वयं की आत्मा दूषित होती है। आत्मा का उत्थान करना है तो बुराई में नहीं अच्छाई में समय व्यतित करें। दूसरों को सम्मान देकर आप परमात्मा को सम्मान देते हैं। आत्मार्थी बनें न कि शरीरार्थी। शरीर की साज सज्जा से अधिक आवश्यक है कि आपकी आत्मा सुंदर बने। उनके साथ पधारीं साध्वी पूनम जी ने जीवन है पानी की बूंद, कब मिट जाए… भजन से आध्यात्मिक वातावरण को श्रंगारित किया। साध्वी कर्तिका भी चातुर्मास के लिए दोनों साध्वियों के साथ आगरा में प्रवास कर रही हैं। इस अवसर पर पारस दास जैन, मुकेश जैन, सुनीत जैन, राज किशोर गर्ग, रॉबिन जैन, प्रेम, योगेश, रवि, अमित, कोमल, सुप्रिया, रीता लालवानी, नीता, रीता गर्ग, आरती कुलश्रेष्ठ, मीरा गर्ग आदि ने उपस्थित रहे।