सेना के सेकुलर चरित्र को नुकसान पहुंचाने की कोशिश निंदनीय
लखनऊ । जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सेना के जवानों द्वारा एक मस्जिद में घुसकर लोगों से जबरन जय श्री राम का नारा लगवाने की घटना को निंदनीय बताते हुए उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने घटना में शामिल सैन्यकर्मियों को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है।
कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सेना के अंदर सांप्रदायिक तत्वों का बढ़ना देश की एकता और अखंडता के लिए खतरनाक है। इसलिए इस घटना में शामिल अधिकारियों को तत्काल बर्खास्त कर हिंदुत्ववादी चरमपंथी संगठनों से उनके संबंधों की जाँच की जानी चाहिए।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सेना में हिंदुत्ववादी चरमपंथी तत्वों की मौजूदगी का खुलासा 2008-2009 में ही हो गया था जब कर्नल पुरोहित और अन्य सैन्यकर्मियों की गिरफ्तारी हुई थी। हिंदुत्ववादी तत्वों पर ही वाजपेयी सरकार के दौरान 20 मार्च 2000 को अमरीकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के भारत दौरे की पूर्व संध्या पर अनंतनाग ज़िले के छत्तिसिंहपुरा गांव में सिख समुदाय के 37 लोगों के जनसंहार का आरोप लगा था। जिसकी जाँच की मांग के बावजूद वाजपेयी सरकार ने जाँच नहीं कराई थी।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मस्जिद में घुस कर जय श्री राम के नारे लगवाना भाजपा की राजनीति का एजेंडा भी हो सकता है जो शायद अपने उन अंध भक्तों को खुश करना चाहती हो जिन्हें उम्मीद थी कि 370 हटने के बाद उन्हें कश्मीर में प्लॉट मिल जाएगा।