संवाद। मो नज़ीर क़ादरी
अजमेर।विश्वविद्यालय द्वारा गोदित गांव पदमपुरा मे जल एव मृदा संरक्षण पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
गोदित गाँव के नोडल अधिकारी प्रो. सुभाष चंद्र ने जल एव मृदा संरक्षण के बारे में ग्रामीणों एवं स्कूली विद्यार्थियों को जल की महत्वता के बारे में बताया एव जागरूक किया एवम जल संग्रहण की शपथ दिलाई l
सहायक अभियंता संजय जैन ने जल की महत्वता को विस्तार से समझाते हुए गांव से व्यर्थ बहकर जाने वाले जल एवं मृदा दोनों को बचाने हेतु गांव वासियों को विस्तार से उपाय बताएं, जिसके तहत कृषि भूमि में मेड़बंदी ,फार्म पॉन्ड एवं खड़ीन के बारे में बताया साथ ही कृषि भूमि में चारागाह विकास के अंतर्गत वृक्षारोपण एवं नालियों के निर्माण हेतु प्रेरित किया । उन्होंने बताया कि बूंद-बूंद सिंचाई, जल संरक्षण आज के समय की सबसे अधिक आवश्यकता है। ऐसे में छोटे-छोटे गांव तथा कस्बों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता अति आवश्यक है।
गर्मियों के मौसम में प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में सूखे जैसे हालात हो जाते हैं इसलिए विशेषज्ञ मानते हैं कि जब पानी बरसे तो इसी पानी को बचाने पर हमारा सबसे अधिक ध्यान होना चाहिए । बारिश के पानी को कुछ खास तरीकों से इकट्ठा करने की प्रक्रिया को वर्षा जल संरक्षण कहते है जिसकी मदद से जमीन के भीतर का जलस्तर बढ़ जाता है ।
इस जागरूकता अभियान के दौरान ग्रामवासियों को बताया गया कि कैसे वे पानी को प्रदूषित होने के खतरे को कम कर सकते हैं कितना पानी जमा करना है, उसकी योजना बनाना ,पत्तियों और कचरे को फिल्टर करना पहली बारिश के पानी को किसी और दिशा में मोड़ने की व्यवस्था करना तथा टैंक में जमा पानी का उचित प्रबंधन और तलहटी जमा होने से रोकने के लिए फिल्टर की व्यवस्था करना इत्यादि सुझावों के बारे में बताया गया ।
कार्यक्रम के अंत में नोडल अधिकारी प्रो. सुभाष चन्द्र ने गांव वासियों को जल संग्रहण वह जल संरक्षण के फायदे एवं तरीके बताये l
इस दौरान विश्वविद्यालय छात्र छात्राएं सुभाष,सुनिता,आशा,आदि एंव सरपंच संजू देवी,शांति देवी,भंवरी देवी,शिवराज , रंगलाल के साथ – साथ आंगवाड़ी कार्यकर्ता सरमेश कंवर, आशा सहयोगिनी गंगा देवी, श्रीमान जसराज गुर्जर, महेश, एवं विभिन्न ग्रामवासी और विद्यार्थी उपस्थित रहे।