उत्तर प्रदेश

यूनिफॉर्म सिविल कोड के समर्थन में मायावती

लखनऊ।यूनिफॉर्म सिविल कोड के मसले पर देश भर में राजनीतिक बवाल मचा हुआ है। माना जा रहा है कि 17 जुलाई से शुरू होने जा रहे मॉनसून सत्र में केंद्र सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड को संसद में पेश कर सकती है। यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर अलग अलग दल अपनी प्रतिक्रियाएं इस मुद्दे पर दे रहे है।

इसी कडी में अब बहुजन समाजवादी पार्टी ने भी इस दिशा में कदम बढ़ा दिए है। बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने लखनऊ में इस मुद्दे पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी का रुख इस मुद्दे पर स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी यूनिफॉर्म सिविल कोड के विरोध में नहीं खड़ी है।

उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर के संविधान में यूनिफॉर्म सिविल कोड को जबरन थोपे जाने का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता पर बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती का कहना है, “यूसीसी लागू होने से देश मजबूत होगा और भारतीय एकजुट होंगे। इससे लोगों में भाईचारे की भावना भी विकसित होगी। यूसीसी को जबरदस्ती लागू करना ठीक नहीं है, इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने से देश में भेदभाव पैदा होगा।” इसे ठीक से लागू करने के लिए जागरुगकता और आम सहमति बननी चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो ये देश हित में नहीं होगा बल्कि इसे स्वार्थ की राजनीति माना जाएगा।

इस दौरान मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार को देश में मौजूद समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। सरकार को फिलहाल महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि बीएसपी देश में यूसीसी लागू करने का विरोध नहीं कर रही मगर केंद्र सरकार जिस तरीके से इसे लागू करने और थोपने पर अड़ी है उस प्रक्रिया का विरोध कर रही है। इसमें सरकार की ओर से सर्व धर्म हिताय सर्व धर्म सुखाय की नीति नजर नहीं आ रही है।

साभार। प्रभासाक्षी