चेन्नई/ नई दिल्ली: केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद (के.यू.चि.अ.प.), आयुष मंत्रालय, भारत सरकार ने आज श्री रामास्वामी मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एस.आर.एम.आई.एस.टी.), कट्टनकुलथुर, तमिलनाडु के साथ यूनानी चिकित्सा में अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।
डॉ. एन. जहीर अहमद, महानिदेशक, के.यू.चि.अ.प. और प्रोफेसर सी. मुथामिलसेल्वन, कुलपति, एस.आर.एम.आई.एस.टी. ने दोनों संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
के.यू.चि.अ.प. और एस.आर.एम.आई.एस.टी. औषधि विकास, यूनानी औषधीय मिश्रणों, पूर्व नैदानिक सुरक्षा और प्रभावकारिता अध्ययन, भेषजकोशिये विश्लेषण, गुणवत्ता नियंत्रण और सूक्ष्मजीवविज्ञानी अध्ययन सहित पारस्परिक हित के अन्य क्षेत्रों में सहयोग करने के लिए सहमत हुए।
समझौता ज्ञापन में संकाय सदस्यों और अनुसंधानकर्ताओं का आदान-प्रदान, ज्ञान साझा करना, स्नातक, डॉक्टरेट, पोस्ट-डॉक्टरल अध्ययन का संयुक्त पर्यवेक्षण, संस्थागत प्रशिक्षण, विशेष व्याख्यान और सेमिनार का आयोजन भी शामिल हैं।
समझौता ज्ञापन के अनुसार यूनानी चिकित्सा में अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में सहयोगात्मक परियोजनाएं शुरू करने के लिए दोनों संस्थानों के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त संचालन समिति का गठन किया जाएगा।
इस अवसर पर के.यू.चि.अ.प. के अधिकारियों की टीम ने एस.आर.एम. विश्वविद्यालय के इंटरडिसिप्लिनरी इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (आई.आई.आई.एस.एम.) का भी दौरा किया।