आगरा। थाना पिनाहट के क्षेत्र मनौना की एक महिला और उसका परिवार को दबंग भाजपा नेता सुग्रीव सिंह से जान का खतरा सता रहा है। पीडिता का कहना है कि पहले ही भाजपा नेता और उसके परिजन मिलकर उसके परिवार के तीन लोगों की हत्या कर चुके हैं। जिसमें से एक हत्या के मामले में ही भाजपा नेता सुग्रीव सिंह के दो भाईयों को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। पीडिता का का आरोप कि दबंग भाजपा नेता सुग्रीव सिंह दल बदलू है। जिसकी सरकार होती है।
उसी पार्टी में शामिल हो जाता है। वो अपनी पहुंच, धनबल से जो चाहता है वो करा लेता है। उसकी धमकी और दहशत में परिवार दर दर भटक रहा है। सीएम योगी से गुहार है कि, ऐसे दबंग भाजपा नेता से मेरे परिवार की सुरक्षा करें। और आरोपियों को पति और देवर की हत्या में सजा दिलाएं। ये जानकारी पीड़ित परिवार को महिलाओं ने संजय प्लेस स्थित यूथ हॉस्टल में आयोजित पत्रकार वार्ता में दी है।
पीड़िता सुमन देवी ने बताया कि देवर शिवनारायन पुत्र स्व. माता प्रसाद की हत्या सन् 2004 में गोली मारकर अभियुक्त मेहतार सिंह व निहाल सिंह व प्रहलाद सिंह, पुत्रगण कीर्तिसिंह, भगवान सिंह पुत्र लज्जाराम, मोतीराम पुत्र हिम्मत सिंह और गजाधर पुत्र छोटेलाल निवासीगण गांव मनौना थाना पिनाहट ने की थी।जिसका मुकदमा अपराध सं० 361/ 2004 धारा 147, 148, 149, 302 और 352 आईपीसी में थाना पिनाहट जिला आगरा में लिखा था. जिसमें मैं और मेरे पति लक्ष्मीनारायन चश्मदीद गवाह थे।
इस मुकदमे में मेरी गवाही न्यायालय में हो चुकी थी। अभियुक्तगणों ने प्रार्थीया व मेरे परिवार पर बहुत दबाव बनाया कि, पति लक्ष्मीनारायन की गवाही ना दें. जब हमने उनकी बात नहीं मानी तो अभियुक्तगणों ने 28 फरवरी 2015 को पति लक्ष्मीनारायन और देवर रामप्रकाश को घेर कर लाठी, डड़ों व सरिया से हमला किया. दोनों को पीट पीट कर बेहोश कर दिया था. फिर पेट्रोल डालकर आग लगाकर टैंकर को उनके ऊपर चढ़ा कर हत्या कर दी थी. यह घटना मेरी और राहुल के सामने हुई थी. अभियुक्तों ने मुझे और राहुल को भी जान से मारने की भी कोशिश की थी. हम बमुश्किल वहां से जान बचाकर निकल पाये थे।
पीडिता सुमन देवी ने बताया कि, जिसकी रिपोर्ट मैने थाना बाह आगरा में अपराध सं. निल 2015, धारा 147, 148, 149, 302, 436 और 352 आईपीसी में दर्ज कराई थी. जिसकी विवेचना थाना पिनाहट स्थानान्तरित होकर गयी. इस मुकदमे में अभियुक्त गण सुग्रीव सिंह, प्रहलाद सिंह, निहाल सिंह पुत्रगण सभी पुत्र कीर्ति सिंह समेत अन्य अभियुक्त गणों ने यह घटना की थी. इसलिए, इनके नामजद मुकदमा दर्ज हुआ था. मुकदमे में अभियुक्त बनाए गए सुग्रीव सिंह पुत्र कीर्ति सिंह व उसके दोनों भाई बहुत ही शातिर अपराधी किस्म का व्यक्ति हैं।
तब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी. जिसमें सुग्रीव सिंह सवा का ब्लॉक प्रमुख था. उसने अपने राजनैतिक प्रभाव व धनबल का प्रयोग करके उपरोक्त संगीन डबल मर्डर के अपराध को दुर्घटना में परिवर्तित कराकर पन्द्रह दिन में आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल करा दिए. अपने व अपने भाइयों को डबल मर्डर केस से पुलिस से मिलकर बचा लिया।
पीड़िता सुमन देवी ने बताया कि, जब हमने फर्जी आरोप पत्र का विरोध किया और तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से शिकायत का प्रार्थना पत्र दिया था. इस पर भी हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई. फिर परेशान होकर मैं और मेरा परिवार फतेहपुर सीकरी के तत्कालीन सांसद श्री बाबूलाल चैधरी जी से मिले. उनसे न्याय दिलाने की गुहार लगाई. लेकिन, सपा के ब्लॉक प्रमुख सुग्रीव सिंह के दबाव में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. आरोपियों ने हमे धमकाया जाने लगा और हम से कहा कि, ज्यादा इधर.उधर जाओगें तो अभी दो लोग मरे हैं।
अब पूरे परिवार को मार दिया जायेगा. हम लोग शिकायत पत्र सभी लोगों को डाक द्वारा प्रेषित करते रहें. लेकिन कोई न्याय नहीं मिला. इसी दौरान अक्टूबर 2015 में सुग्रीव के भाई मेहताब सिंह पुत्र कीर्ति सिंह एवं गजाधर को 2004 के मर्डर में आजीवन कारागास की सजा हो गयी. मेरे पति लक्ष्मीनारायन की हत्या के कारण गवाही न होने से बाकी के भाई बच गए. तभी से हम लोग जान बचाकर इधर उधर भागते रहें।
पीडिता सुमन देवी ने बताया कि, सन् 2017 में यूपी में जब भाजपा की सरकार बनी तो हमें न्याय की उम्मीद जगी. फिर हमने कोशिश की. पुलिस अधिकारियों से मिले. अधिकारियों को शिकायत पत्र दिये. लेकिन, तभी अभियुक्त सुग्रीव सिंह चौहान ने सपा को छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गया. फिर से पुलिस में अपने सम्बन्धों में रहते मेरे पुत्र व मेरे भतीजों पर फर्जी मुकदमें मेरा पुत्र आकाश पुत्र लक्ष्मीनारायन व भतीजे राहुल पुत्र रामप्रकाश व रंजीत पुत्र श्यामसुंदर पर फर्जी मुकदमे लिखवा दिये. दबाव देने लगे कि फैसला करो.
पीड़िता सुमन देवी ने बताया कि, भाजपा नेता की आए दिन की धमकी से परेशान होकर मैं 22 जुलाई-2021 को लिखित शिकायत तत्कालीन एसीएस होम श्री अवनीश अवस्थी जी को दिया. जिसमें उन्होंने तत्कालीन एसएसपी आगरा श्री मुनिराज जी को जांच के लिए आदेशित किया. तत्कालीन एसएसपी मुनिराज जी ने जांच तत्कालीन एसपीआरए पूर्वी श्री बैंकटेश अशोक को दी. एसपीआरए पूर्वी साहब ने जांच शुरू की उन्होंने गवाह ओमप्रकाश पुत्र स्व० श्री छविराम निवासी फरैरा थाना. बाह व रिषी कुमार पुत्र स्व. सोबरन सिंह निवासी फरैरा, थाना बाह को बयान के लिए बुलाया. क्योंकि, ये दोनों फर्जी चार्टशीट में गवाह थे।
दोनों ने अपने अपने ऐफिडेडिट बयान एसआरए पूर्वी बैकटेश अशोक को दिये. जिसकी छायाप्रति में आपको दे रहीं हूं. फिर, उन्होंने विभाग फॉरेन्सिक मेडिसन विभाग एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा से पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जांच कराने की लिये भेजा. फॉरेन्सिक टीम ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि, यह एक्सीडेंट की चोट नहीं हैं. जिसकी की छायाप्रति सलंग्न है।
फिर उसके बाद एसपीआरए पूर्वी ने स्टेट मेडिको लिगल सेल लखनऊ में पोस्टमार्टम की रिपोर्ट को जांच के लिए भेजी। वहां से भी यहीं आया कि यह ऐक्सीडेंट की चोट नहीं हैं. जिसकी छायाप्रति सलंग्न हैं. यह जांच चल रही थी कि, तभी एसपीआरए पूर्वी का ट्रान्सफर हो गया. जिससे जांच रूक गयी. इसके कुछ समय बाद तत्कालीन एसएसपी श्री मुनिराज जी का भी ट्रान्सफर हो गया।
इसके बाद आगरा के एसएसपी सुधीर कुमार सिंह बने उन्होंने ब्लॉक प्रमुख सुग्रीव सिंह चौहान के दबाव में और धनबल की सहायता से बिना जांच पूरी हुये और बिना एसपीआरए पूर्वी श्री सोमेन्द्र मीणा की रिपोर्ट आये दिनांक छह जून-2022 को शासन को भेज दी. जिसमें दोनों गवाहों के ऐफिडेबिड व मेडिको लिगो लखनऊ की रिपोर्ट व आगरा फॉरेन्सिक टीम एसएन मेडिकल रिपोर्ट को शामिल नहीं किया गया. और सीधे तौर पर अभियुक्तों को लाभ पहुँचाया..जिसकी भी रिपोर्ट की छायाप्रति संलग्न है।.
पीड़िता सुमन देवी ने बताया कि, पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुग्रीव सिंह चौहान के साथ पाँच गनर साथ चलते हैं। जहां भी जाता है. वहां का थाना अध्यक्ष उसको स्कॉट करता है। उसका पूर जिलें में भय व्याप्त है. वो पुलिस से जो चाहता है वो करवा लेता है। सुग्रीव सिंह पूर्व ब्लॉक प्रमुख यह भी कहता है कि, मेरे बड़े बड़े आईपीएस व बड़े बड़े नेताओं से सम्बन्ध है। तुम लोग मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते हो।
सीएम से न्याय की गुहार
पीडिता सुमन देवी का कहना है कि, सीएम योगी से गुहार लगाई है. हमारे परिवार में तीन लोग मारे जा चुके है. हम तीन विधवा व बच्चे दर दर भटक रहे हैं. कृपया हमें न्याय दिलाने की कृपा करें।