प्राचीन पुष्टिमार्गीय प्रेमनिधि मंदिर में पुरुषाेत्तम मास उत्सव के अन्तर्गत नौका विहार मनोरथ हुआ आयोजित
आगरा। शहर के बीचों बीच घनी आबादी में स्थित प्राचीन पुष्टिमार्गीय श्री प्रेमनिधि जी का मंदिर आज मानो ठाकुर जी की जल क्रीड़ा का स्थान बन गया। पुरुषाेत्तमास उत्सव मनोरथ के अन्तर्गत मंदिर में नौका विहार उत्सव का आयोजन किया गया। फूलों और आभूषणाें से अलंकृत ठाकुर श्री श्याम बिहारी जी(बड़े गोविंद देव जी) का विग्रह जहां एक ओर भक्तों को आकर्षित कर रहा था तो दूसरी ओर लड्डू गोपाल स्वरूप एक कुंड को यमुना जी का स्वरूप मानते हुए उसमें नौका विहार कर रहे थे। केशर चंदन, फूल और इत्र से सुगंधित जल की धारा और उसमें कछुआ, मगरमच्छ जैसे लकड़ी के खिलौने, कपास से बनीं बत्तखें नौका विहार के दृश्य को और भी मनोहारी बना रही थीं। सभी सेवायत जलकुंड में उतर कर अपने ठाकुर जी की नाव काे खेव रहे थे और मन ही मन ये सोच कर आनंदित हो रहे थे कि वे स्वयं अपने ठाकुर जी की गोपियां हैं जो उनके साथ जलक्रीड़ा कर रही हैं। पनघट जलविहार पद गान के साथ नौका विहार उत्सव पूर्ण हुआ। इस अवसर पर मुख्य सेवायत पंडित हरिमोहन गोस्वामी, पंडित सुनीत गोस्वामी, पंडित दिनेश पचौरी आदि उपस्थित रहे।