जीवन शैली

वृंदावन क्यों न भए हम मोर। करत निवास गोबरधन उपर, निरखत नंद किशाेर…

प्राचीन पुष्टिमार्गीय प्रेमनिधि मंदिर में पुरुषाेत्तम मास उत्सव के अन्तर्गत हरियाली तीज मनोरथ हुआ आयोजित

आगरा। राधा रानी अपनी सखियों के साथ सावन की तृतीया को वन में झूला झूल रही हैं, ठाकुर जी अपने सखा संग वहां पहुंच कर किशोरी जी को झूला झुला रहे हैं।अंत में साथ झूला झूल रहे हैं। यह दृश्य देखकर देवता चकित और मुदित हैं कि इस आनंद में वे किस तरह सम्मिलित हो पाएं। अष्ट छाप कवि श्रेष्ठ परमानन्द दास जी के इन पदों पर श्रद्धालु अपने ठाकुर जी की हरित छवि को देख निहाल हुए।
अवसर था कटरा हाथी शाह, नाई की मंडी स्थित प्राचीन पुष्टिमार्गीय श्री प्रेमनिधि जी मंदिर में हरियाली तीज उत्सव का। पुरुषाेत्तमास उत्सव मनोरथ के अन्तर्गत मंदिर में हरियाली तीज उत्सव का आयोजन किया गया। पूरा मंदिर प्रांगण हरित आवरण से सुशाेभित हो रहा था। हरियाली तीज विशेष श्रंगार में ठाकुर श्री श्याम बिहारी जी(बड़े गोविंद देव जी) की छवि भक्तों को बस एकटक निहारते रहने के लिए विवश कर रही थी। मुख्य सेवायत पंडित हरिमोहन गोस्वामी ने बताया कि 21 जुलाई को अक्षय तृतीया उत्सव मनोरथ होगा। पंडित सुनीत गोस्वामी और पंडित दिनेश पचौरी ने बताया कि प्रतिदिन मंदिर में उत्सव मनोरथ का आयोजन सायं 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक किया जा रहा है।