उत्तर प्रदेश

गांव हुए जलमग्न

संवाद। नूरूल इस्लाम
खतरे के निशान की तरफ बढ़ रहा गंगा नदी का जल स्तर
पिछले करीब 12 वर्ष का गंगा नदी के जल स्तर ने तोड़ा रिकॉर्ड
जिले में गंगा नदी के जल स्तर ने छुआ 164 मीटर का आंकड़ा
करीब 165 मीटर पर है खतरे का निशान
जिले के लगभग 60 गांव की आबादी में घुसा गंगा नदी का पानी
खेतो के सीने को चीरता हुआ सड़कों को पर कर गया गंगा नदी का पानी
गंगा नदी में लगातार बढ़ रहे जल स्तर से ग्रामीणों में दहशत का माहौल
नरौरा बैराज से छोड़ा गया 209501 क्यूसेक पानी
कासगंज तहसील सदर और पटियाली के दर्जनों गांव में बड़ा बाढ़ का खतरा

कासगंज। जनपद में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से खतरे के निशान की तरफ बढ़ रहा है गंगा का जलस्तर, नरौरा बैराज से 2 लाख 09 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिससे बाढ़ जैसे हालात बनते जा रहे हैं, वहीं पटियाली तहसील क्षेत्र के गांव बरी बगवास व ओम नगरिया में बने कच्चे बांध पानी के बहाव से काट चुके हैं, गंगा नदी का पानी खेतों के सीनों को चीरता हुआ सड़कों को पार कर गया है, जिससे लगभग 60 गांव पूरी तरह जलमग्न हो गये हैं, जिससे किसानों की हजारों बीघा जमीन व फसल जलमग्न हो गई है गंगा के जलस्तर ने पिछले करीब 12 वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, कासगंज जनपद में गंगा के जलस्तर ने 164 मीटर का आंकड़ा छू लिया है, और करीब 165 मीटर पर खतरे का निशान है, गंगा नदी के किनारे बसें गांवों के ग्रामीणों की फसलें, खेत खलियान सब पूरी तरह जलमग्न हो गये है, जिससे ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई है। दहशत का माहौल है, अधिकारी भी ग्रामीणों को जागरूक कर रहे है, सिंचाई विभाग की तरफ से बाढ़ रोकने के सभी इंतजाम किये जा रहे हैं, बरौना गांव में बाढ़ रोकने के लिये जियो ट्यूब के 19 स्टड बनाये गये हैं।
दरअसल कासगंज जनपद में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब है,गंगा नदी का जलस्तर 164 मीटर पर पहुंच गया है, और गंगा नदी के खतरे का निशान करीब 165 मीटर पर है, निचले इलाकों में बड़ा नुकसान होने का अंदेशा जताया जा रहा है, अब तक लगभग 60 गांवों में गंगा नदी का पानी पहुंच गया है जिससे किसानों की हजारों बीघा जमीन व फसल जलमग्न हो गई है, गंगा नदी के पानी में गांव में रोजी-रोटी का संकट खड़ा कर दिया है लोग पानी में चारा काटने के लिए मजबूर है किस तरह से लोग अपना जीवन यापन कर रहे हैं भोजन के साथ साथ पशुओं के चारे की चिंता सता रही है। आपको बता दे कि ओम नगरिया चैराहे पर पानी बदायूं मैनपुरी हाईवे के ऊपर से गुजर रहा है, अगर ऐसा ही होता रहा तो यह सड़क भी बहुत जल्दी कट जायेगी, हालांकि प्रशासन ने सड़क पर काम शुरू करा दिया है लेकिन सड़क पर युद्ध स्तर पर काम करने की जरूरत है,वही लोगों ने यह मांग की है बर्बाद हुई फसल का सरकार मुआवजा दे और बरी बगवास पर और नरदोली से राजेपुर कुर्रा तक पक्का बांध बनाया जाये तभी अगले साल इस नुकसान को रोका जा सकता है। किसानों का कहना है कि यह कच्चे बांध को अगर प्रसाशन ने पक्का बना दिया होता तो इस नुकसान से बचा जा सकता था, इसको लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी और किसानों की मांग है कि बरी बगवास पर बरौना की तर्ज पर स्टड या पक्की ठोकरे बनाई जाएं, यही इसका फाइनल समाधान होगा वरना बाढ़ के पानी से हर साल यह परेशानी होती रहेगी, वही सपा प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी ने बताया कि आज हमारी टीम ने बरी बगवास, नवाबगंज नगरिया, तरसी, कादरगंज, गंगा पार ओम नगरिया चैराहे सहित अनेके गांवो का दौरा किया और उन घरों को भी देखा जो घर जलमग्न हो गए हैं।