जीवन शैली

जब अल्लाह ने दुनिया बनाई !

आगरा। सिकंदरा स्थित नहर वाली मस्जिद के खतीब व इमाम जुमा मुहम्मद इक़बाल ने ख़ुत्बा जुमा ने कहा कि आज के जुमा के ख़ुत्बे में बात होगी अल्लाह की तौफ़ीक़ से मुहर्रम और हिजरी कैलेण्डर की। हम लोग बहुत कम अपना असल इतिहास जानते हैं और ये बात भी याद रखने की है कि जो क़ौम अपना इतिहास भूल जाए तो फिर इतिहास भी उसको भुला देता है और ये एक ख़तरनाक बात है। हम बहुत सी चीज़ों में अपना वक़्त लगाते हैं, इस तरफ़ भी ध्यान देने की ज़रूरत है, जैसा कि आप सब इस बात को जानते हैं कि 1445 हिजरी का पहला महीना शुरू हो चुका है और उसका नाम मुहर्रमुल हराम है। हमारे कुछ भाई इस महीने को एक ख़ास वाक़िए की वजह से जानते हैं और इसको अच्छा महीना भी नहीं समझते। क़ुरआन की सूरह तौबा की आयत नम्बर 36 और सहीह बुख़ारी की हदीस नं. 4662, दोनो में ये बात साफ़ तौर पर बताई गई है कि “जब अल्लाह तअ़ाला ने दुनिया बनाई, उसी वक़्त से चार महीने अहतिराम वाले हैं। इसमें एक महीना मुहर्रम का भी है।” तो ये महीना पहले से ही अफ़ज़ल है, न कि किसी ख़ास वाक़िए की वजह से, हमको ये बात अच्छी तरह समझ लेनी ज़रूरी है और इस्लामी कैलेण्डर, जिसको हम हिजरी कैलेण्डर भी कहते हैं, का आग़ाज़ भी मुहर्रम से ही होता है। इसको भी जान लें और दूसरों को भी बताएं, जब इस्लामी हुकूमत में इस बात को महसूस किया गया कि हमारा अपना कैलेण्डर हो, ताकि उसी से हुकूमत का निज़ाम चले, तो बहुत से मशवरे सामने आए लेकिन सहाबा की मजलिसे शूरा में हज़रत अ़ली रज़ि. के इस मशवरे पर फ़ैसला हुआ कि अल्लाह के नबी की मदीना की हिजरत से इस कैलेण्डर को शुरू किया जाए, और इस तरह 622 ई. से इस्लामी कैलेण्डर का आग़ाज़ हुआ जिसका पहला महीना मुहर्रमुल हराम है। अल्लाह के बन्दों आप ख़ुद भी और अपने घर वालों को भी इस तरफ़ ध्यान दिलाएं और 12 महीनों को याद भी रखें। इसी महीने की पहली तारीख़ को एक अज़ीम सहाबी को भी शहीद किया गया। अपना जवाब दिल में सोच लें जो बताया जा रहा है उससे मिलाएं कि आप इस बात को जानते थे या नहीं ? फ़ैसला ख़ुद करें कि हमको कितनी मालूमात है। उन सहाबी का नाम है हज़रत उ़मर फ़ारूक़ रज़ि. जो कि दूसरे ख़लीफ़ा थे। ख़ुद भी, अपने घर वालों और अपने दोस्तों की भी ये जानकारी शेयर करें। अल्लाह हम सबको इस्लामी तालीमात पर अ़मल करने की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए। आमीन।