अग्रसेन भवन, लोहामंडी में आरंभ हुई श्रीमद् भागवत कथा, नीरज नयन महाराज हैं कथा व्यास
पीत परिधानों में संवर, सिर पर कलश और हाथाें में लड्डू गोपाल लेकर चलीं महिलाएं
आगरा। अग्रसेन भवन, लोहामंडी में श्रीमद् भागवत कथा का आरंभ भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ। जयपुर हाउस से अग्रसेन भवन तक कलश यात्रा निकाली गयी। यात्रा में बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु पीत वस्त्र पहन कर व सिर पर कलश धारण कर शामिल हुई। कुछ महिलाएं भक्तिभाव वश हाथाें में लड्डू गोपाल लिये पहुंची। कथा के जजमान राकेश गर्ग एवं कुमकुम गर्ग यात्रा की अगुवायी कर रहे थे। इससे पूर्व कथा स्थल पर हवन पूजन किया गया। कथा का शुभारंभ करते हुए कथा व्यास नीरज नयन महाराज(वृंदावन) ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा, ऐसी कथा है, जो जीवन को उद्देश्य एवं दिशा दर्शाती है। इसलिए जहां भी भागवत कथा होती है, इसे सुनने मात्र से वहां का संपूर्ण क्षेत्र दुष्ट प्रवृत्तियों से खत्म होकर सकारात्मक उर्जा से सशक्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि यदि भावी पीढ़ी को संस्कारित करना है तो उन्हें पढाई के साथ धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन का अभ्यास कराएं। प्रथम दिन भागवत कथा पुराण के छह अध्यायों का वर्णन किया गया। जिनमें से चार में भक्ति, ज्ञान वैराग्य की जीवन में वृद्धि कैसे हो इस पर चर्चा की गयी। शेष दो अध्यायों में गोकरण प्रसंग हुआ। कथा व्यास ने कहा कि व्यक्ति का सत्कर्म ही उसका वास्तविक पुत्र होता है। वो ही है जो उसे मुक्ति दे सकता है। भाैतिक पुत्रों के मोह से बाहर आकर भगवत भक्ति में लगें और सत्कर्म के मार्ग पर चलें। कथा व्यास ने कहा कि गृहस्थ में रहकर भक्ति सर्वाधिक सरल है। बस उसे अन्य कार्यों की तरह जीवन में आवश्यक बना लें। महेश गोयल के घर से आरंभ हुई कलश यात्रा का मार्ग में जगह− जगह स्वागत हुआ और पुष्प वर्षा कर धूप में नंगे पांव चल रहे श्रद्धालुओं को राहत दी गयी। इस अवसर पर श्वेता गर्ग, सौरभ गर्ग, किशन गर्ग, गौरव, रुचि, विशाल, रमेशचंद्र, ओपी गोयल, उषा बंसल, आभा जैन, नीरज, मनोज आदि उपस्थित रहे।