संवाद। मो नजीर क़ादरी
विश्वविद्यालय द्वारा गोदित गांव के नोडल अधिकारी व प्राणीशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. सुभाष चंद्र, वि.वि. ने बताया की शिविर में पदमपुरा स्थित राजकीय विद्यालय के खेल मैदान में वृक्षारोपण किया गया। वृक्षारोपण अभियान के दौरान विश्विद्यालय की टीम के साथ – साथ विद्यालय के विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं ग्रामीणों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। प्रो. सुभाष चन्द्र ने सभी से आव्हान किया था कि इस वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत का मुख्य उद्देश्य पदमपुरा गांव को पर्यावरण संरक्षण (शुद्धता ) की सोच के साथ स्वच्छ एवं निर्मल गांव बनाना है। साथ उन्होंने कहा कि वृक्ष से मनुष्य को प्राण वायु ऑक्सीजन मिलती है, जो की हमे जीवन देती हैं वृक्षों को लगाना ही नहीं अपितु इन्हें लगाना तथा वृक्षों का सरंक्षण करना समाज के हर व्यक्ति का कर्तव्य है।
राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ. आशीष पारीक ने कहा कि पर्यावरण में संतुलन बनाने के लिए धरती पर जितने अधिक से अधिक वृक्ष होंगे, उतनी ही मनुष्य को ऑक्सीजन मिलेगी। उल्लेखनीय है कि पदमपुरा गांव हजारों नीम के पेड़ो के सरंक्षण की वजह से अजमेर ही नही अपितु सम्पूर्ण देश में अपनी विशेष पहचान रखता है। सदियों से चली आ रही नीम वृक्ष सरंक्षण परंपरा का आज भी ग्रामीण अनुसरण करते है।
इस वृक्षारोपण अभियान के तहत विभिन्न प्रकार के छायादार, फलदार एवं औषधीय पादप यथा शीशम, अर्जुन, कचनार, आंवला, करंज आदि पौधों का वृक्षारोपण किया गया। इनकी देखभाल हेतु कक्षा छठी से ग्यारहवीं तक के विद्यार्थियों को पौधों को गोद देकर इनकी देखभाल की ज़िम्मेदारी दी गई।
इस दौरान पदमपुरा गांव की सरपंच श्रीमती संजू देवी , श्रीमान जसराज गुर्जर एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक व् बी.एल.ओ. श्रीमान चतुर्भुज वैष्णव,अध्यापिका श्रीमती नीलम साहू, कुलदीप भास्कर , राजेश शारडीवाल , श्रीमती सरला कुमावत व छात्र छात्राएं उपस्थित थे ।