जीवन शैली

भूखे को भाेजन कराना, तृप्त करना ही गोवर्धन पूजा का सही अर्थः कथा व्यास नीरज नयन

अग्रसेन भवन, लोहामंडी में चल रही है श्रीमद् भागवत कथा, नीरज नयन महाराज हैं कथा व्यास

आगरा। भगवान की हर लीला में छुपा है एक विशेष एवं महत्वपूर्ण संदेश। माखन चोरी से लेकर गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाना जैसी लीलाएं प्रभु ने गूढ़ सामाजिक संदेश देने के लिए कीं। यदि भागवत श्रवण के माध्यम से उन संदेशाें को हम जीवन में उतार लें तो भव सागर से तर सकते हैं। कथा व्यास नीरज नयन महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन यह उद्गार व्यक्त किये।
शुक्रवार को लोहामंडी स्थित अग्रसेन भवन में आयोजित भागवत कथा में माखन चोरी, ओखल बंधन लीला प्रसंग और वेणु गीत के बाद छप्पन भाेग संग गोवधर्न पूजन हुआ।
जजमान राकेश गर्ग एवं कुमकुम गर्ग हैं। कथा व्यास ने गोवर्धन लीला प्रसंग में कहा कि गोवर्धन पूजा का अर्थ केवल छप्पन भाेग लगाना अथवा पूजा करना ही नहीं है। भगवान श्री वासुदेव कृष्ण ने हजारों वर्ष पूर्व समाज में क्रांति की थी। समाज के शोषित वर्ग के श्रीहीन बच्चाें तक भरपेट भाेजन पकवान पहुंच सके, इसलिए उन्होंने प्रकृति संरक्षण का संदेश देने के साथ छप्पन भाेग बनवाकर बंटवाए थे। भूखे काे भाेजन देना ही सच्ची गोवर्धन पूजा है। ओखल लीला प्रसंग में उन्होंने कहा कि भक्त का हृदय मैया यशाेदा की भांति हो। जो हृदय में हो वही वाणी और जो वाणी में हो वही क्रिया में हो। जहां मनसा, वाचा, कर्मणा, एक हैं वही भक्ति सिद्ध होती है। इस अवसर पर किशन गर्ग, नीरज, मनोज अग्रवाल, विशाल बंसल, उषा बंसल, सतीश चंद्र बंसल, मनीष गर्ग, सौरभ, गौरव, महावीर मंगल, मोहन लाल, अंकुर सीए, दीपक अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।