जीवन शैली

ज़ेहनी उलझनों से छुटकारा व सुकून के लिए अपने रब को याद करें ! मुहम्मद इक़बाल

आगरा। सिकंदरा स्थित नहर वाली मस्जिद के खतीब व इमाम जुमा मुहम्मद इकबाल ने खुत्बा ए जुमा में कहा कि आज के जुमा के ख़ुत्बे में एक ऐसी बात पर गुफ़्तगू करेंगे जो आज हर एक के लिए बड़ा मसला बना हुआ है, अमीर हो, ग़रीब हो, शहर का हो, गाँव का हो, काला हो, गोरा हो, मर्द हो, औरत हो, लगभग हर एक ज़ेहनी तनाव या किसी उलझन में फँसा हुआ है। यही वो मसला है जिससे आज सब परेशान हैं। इसका क्या हल है ? आम-तौर पर इन्सान ये समझता है कि अगर मेरे पास दौलत हो तो उसी से मैं ये परेशानी ख़त्म कर सकता हूँ मेरे पास राहत और आराम की सारी चीज़ें होंगी तो मुझे सुकून और चैन मिलेगा लेकिन तजुर्बे से ये मालूम होता है कि जिसके पास ज़्यादा दौलत है वो उतना ही परेशान है और नींद के लिए भी गोलियाँ खाता है, सुकून व राहत तो छोड़ें, हमको ये देखना चाहिए कि इस सिलसिले में इस्लामी तालीमात क्या हैं ? इसमें हमारे लिए क्या रहनुमाई है ? क्योंकि क़ुरआन हमको ज़िन्दगी गुज़ारने का तरीक़ा भी बताता है लेकिन हम इस तरफ़ ध्यान नहीं देते। असल चीज़ को छोड़कर अपनी बनाई हुई चीज़ों में सुकून तलाश करते हैं। इसीलिए हमको क़ुरआन व हदीस की तरफ़ अपना मसला ले जाना चाहिए। क़ुरआन में सूरह फ़तह की आयत नम्बर 4 में बताया गया है– “अल्लाह वो है जिसने ईमान वालों के दिलों में सुकून व इत्मीनान उतारा।” सही बुख़ारी की हदीस नम्बर 3034 में बताया गया है– “खन्दक की जंग के मौके पर नबी अकरम सल्लल्लाहु अ़लैहि व सल्लम ने अब्दुल्लाह बिन रवाहा (रज़ि.) का ये शेर पढ़ा जिसका मतलब था या अल्लाह हमारे दिलों को सुकून और इत्मीनान अता फ़रमा।” इससे मालूम हुआ कि हमको अल्लाह की तरफ़ ही अपना मसला ले जाना है। अगर हम अपनी ज़ेहनी उलझनों और परेशानियों से छुटकारा और सुकून चाहते हैं तो अपने रब की तरफ़ झुकें उसी के आगे अपनी बात रखें वो ही दिलों में सुकून और इत्मीनान उतारेगा। क़ुरआन में ही अल्लाह ने बिल्कुल साफ़ तौर पर इसी बात को बता भी दिया, सूरह नम्बर 13 की आयत नम्बर 28 में कहा- “याद रखो अल्लाह के ज़िक्र से ही दिलों को तसल्ली हासिल होती है।” इसीलिए ग़लत तरीक़े को छोड़कर सीधे रास्ते पर आजाएं, मसला हल हो जाएगा इन-शा-अल्लाह। आज से ही हम अपने रास्ते को बदलें तो अल्लाह से उम्मीद है कि अल्लाह हमारे लिए आसानी फ़रमाएगा। पहल हमको करनी है, अल्लाह मुझे भी और आप सबको भी सीधे रास्ते पर चलने की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए। आमीन।