संवाद। मो नजीर क़ादरी
अजमेर। मोहर्रम के मौके पर हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों को कर्बला के मैदान में शहीद कर दिया गया। जिसको लेकर मुस्लिम समाज आज भी मोहर्रम को गम के रूप में मनाता है हर साल मोहर्रम के मौके पर दी सोसाइटी पंचायत अंदर कोठियान की ऒर से हाई दोस खेला जाता है जिसके लिए जिला प्रशासन लाइसेंस दे कर दो तलवारें मुहैया करवाता है उन्हीं तलवारों से पंचायत के लोग हाईदोस खेलते हैं यह जुलूस अंदर कोर्ट स्थित हटाई से शुरू होकर आमा बाव पर जाकर संपन्न होता है। मोहर्रम कन्वीनर मुख्तार अहमद नवाब ने बताया कि हजरत इमाम हुसैन की याद में हाईदोस खेलकर कर्बला का मंजर पेश किया जाता है और डोला शरीफ बनाकर गम का इजहार किया जाता है। हाईदोस के मौके पर सभी बुजुर्ग नौजवान और बच्चे इस जुलूस में शामिल होकर गम का इजहार करते हैं उन्होंने बताया कि यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और पूरे हिंदुस्तान में सिर्फ अजमेर के अंदर कोर्ट में यह आयोजन किया जाता है वही जुलूस के मौके पर पंचायत की ओर से जिला प्रशासन और राजनेताओं की दस्तारबंदी कर उनका स्वागत किया गया