जीवन शैली

भागवत कथा की शरण नष्ट करती है देविक, भाैतिक और दैहिक तापः कथा व्यास दिनेश दीक्षित

मदिया कटरा स्थित श्री हनुमान मंदिर में आरंभ हुई श्रीमद् भागवत की अतृत वर्षा
पहले दिन पीत परिधानों में श्रद्धालुओं ने निकाली बैंड बाजे के साथ कलश यात्रा,

आगरा। जिस प्रकार शरीर के ताप दूर करने के लिए डॉक्टर के पास जाकर पर्चा बनवाते हैं और दवा का निरंतर सेवन करते हैं उसी प्रकार भगवान रूपी डॉक्टर से अपने संतापों का उपचार कराने का प्रथम चरण है कलश यात्रा। श्री मद् भागवत कथा में कलश यात्रा का यह महत्व बताया कथा व्यास दिनेश दीक्षित महाराज ने।
मदिया कटरा स्थित श्री हनुमान मंदिर पर 31 जुलाई 2023, सोमवार से आरंभ होने वाली कथा से पूर्ण रविवार को कलश यात्रा निकाली गयी। मंदिर परिसर में कथा व्यास ने कलश का महत्व बताते हुए विधिवत पूजन करवाया। कथा के जजमान शीला बहल− मनीष बहल और नीता टंडन− राकेश टंडन हैं। कथा व्यास ने कहा कि यदि पूर्ण रूप से भगवत कृपा के पात्र बनना चाहते हैं तो कलश यात्रा के साथ संपूर्ण भागवत कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। कलश जीवन दर्शन करवाता है। जीवन संघर्ष को कलश निर्माण दर्शाता है। कलश का मुख भगवान विष्णु हैं, कलश का कंठ रुद्र हैं, मूल में ब्रह्मा जी और मध्यम में मातृ सखियां है। तल में समग्र सागर हैं और बीच में सातों दीपों की मिट्टी है। चारों वेदों से कलश की आकृति बनी हुई है और इसके अंग संहिता− वेदांत हैं। सारी देवत्व माएं कलश में समाई हुई हैं। इस प्रकार सभी तीर्थ कलश में समाए हुए हैं। उन्होंने बताया कि कथा के प्रथम दिन सोमवार को भागवत महात्म्य और धुंधकारी की कथा का पाठ होगा। कलश यात्रा में सभी श्रद्धालुओं ने पीत वस्त्रों में नृत्य करते हुए भाग लिया। इस अवसर पर विमला देवी, वंदना सिंह, रेखा मल्होत्रा, किरन शर्मा, संगीता मल्होत्रा, कंचन सिंह, महिपाल, पंडित धीरेंद्र आदि उपस्थित रहे।