प्राचीन पुष्टिमार्गीय श्री प्रेमनिधि मंदिर में मनाया गया शरद पूर्णिमा पर्व
आगरा। धवल चंद्रमा सी सुशाेभित छवि श्री श्याम बिहारी जी की, अधरों पर बांसुरी लिये, रास रचाते प्रभु का दर्शन कर भक्त हुए जा रहे थे निहाल। कटरा हाथी शाह, नाई की मंडी स्थित प्राचीन पुष्टिमार्गीय श्री प्रेमनिधि मंदिर में पुरुषाेत्तम मास के अवसर पर चल रहे मनोरथ उत्सव में शरद पूर्णिमा पर्व की धूम रही। चरण सेवक पंडित दिनेश पचौरी थे।
शरद पूर्णिमा मनोरथ के पावन अवसर पर ठाकुर जी का श्वेत आभूषणाें से श्रंगार किया गया था। श्वेत एवं गुलाबी पुष्पों से मंदिर प्रांगण की सज्जा बड़ी ही मनोहारी लग रही थी।
प्रमुख सेवायत पंडित हरिमोहन गोस्वामी ने बताया कि पुष्टिमार्ग में शरद पूर्णिमा महारास का उत्सव है। बल्लभ संप्रदाय के अनुसार ज्ञान मार्ग, योग मार्ग, कर्म एवं भक्ति मार्ग से महारास के दिव्य दर्शन का रसपान करते हैं। पंडित सुनीत गोस्वामी ने बताया कि महारास के 12 घटक हैं एवं महारास के 12 चबूतरें ब्रज में आज भी विद्यमान हैं। मनोरथ पर खीर की प्रसादी भक्तों को प्राप्त हुयी। पंडित आशीष बल्लभ पचौरी ने बताया कि ठाकुर जी को कांचनी का श्रंगार धराया गया एवं जगमाेहन में वे विराजे। महारास के बल्लभकुली पदों का गायन पंडित सदानंद भट्ट एवं कवियत्री डॉ रुचि चतुर्वेदी द्वारा किया गया। इस अवसर पर आरएसएस के विभाग प्रचारक आनंद जी, शिवम शिवा, विजय शिवहरे, सचिन्द्र शर्मा, सुरेश पचौरी, आमत शर्मा, सरदार सिंह धाकड़, श्रीराम धाकड़ आदि उपस्थित रहे।