मजीठिया वेज बोर्ड के निर्णयों को लागू करने की समीक्षा बैठक में श्रम मंत्राी की घोषणा
यू.पी. वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन की पैरवी काम आयी; पत्राकार के परिवार को मिलेगी सहायता राशि
लखनऊ। श्रम न्यायालयों में पीठासीन अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों की कमी को शीघ्र दूर किया जायेगा।
यह घोषणा श्रम मंत्राी अनिल राजभर ने आज पत्राकारों और गैर पत्राकारों के लिए गठित मजीठिया वेज बोर्ड के निर्णयों को लागू कराने के लिए गठित त्रिपक्षीय समीक्षा समिति की बैठक में की।
यह मामला समिति के सदस्य यू.पी. वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के अध्यक्ष हसीब सिद्दीकी ने उठाते हुए कहा था कि स्टाफ की कमी के कारण पत्राकारों और गैर पत्राकारों के मुकदमों की सुनवाई नहीं हो पा रही है। राजभर ने आश्वस्त किया कि स्टाफ की कमी शीघ्र दूर की जायेगी। इस सम्बन्ध में वह मुख्य मंत्राी से भी बात करेंगे। उन्होंने बैठक में लिए गये निर्णयों को लागू कराने और समिति की बैठक हर तीन माह में बुलाने का भी निर्देश दिया।
सिद्दीकी ने मंत्राी का ध्यान अखबारों में कार्यरत पत्राकारों को वर्किंग जर्नलिस्ट्स एक्ट के अनुरूप पद नाम न देने की शिकायत की। उन्होंने शिकायत की कि इसका परिणाम यह हुआ है कि वाराणसी के एक वरिष्ठ पत्राकार स्वर्गीय रमेन्द्र सिंह की विधवा को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोविड पीड़ितों के आश्रितों को राज्य सरकार द्वारा दी गयी आर्थिक सहायता का लाभ नहीं मिल सका है। यू.पी. वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन द्वारा केस की पैरवी दो वर्षाें से कर रही है।
सूचना निदेशक शिशिर ने घोषणा की कि सरकार ने मृतक की विधवा को दस लाख रूपये की आर्थिक सहायता देना स्वीकार कर लिया है। इसके लिए सिद्दीकी और काशी पत्राकार संघ के पूर्व अध्यक्ष योगेश गुप्त ने सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।
श्रम मंत्राी ने कहा कि बैठक में अखबार मालिकों को ऐसे प्रतिनिधियों को भेजना चाहिए जो जवाब देने की स्थिति में हो। उन्होंने इस सम्बन्ध में विभागीय अधिकारियों को कदम उठाने के निर्देश दिए।
यू.पी. न्यूज पेपर इम्पलाईज यूनियन के महामंत्राी उमाशंकर मिश्र ने सुझाव दिया कि पत्राकारों सम्बन्धी डाटा उपलब्ध कराने में सूचना विभाग अहम भूमिका निभा सकता है। इस सुझाव को श्रम मंत्राी ने स्वीकार कर लिया। सूचना निदेशक शिशिर ने निर्देशों का पालन करने और पत्राकारों के हित में विभाग के काम करने का आश्वासन दिया।
बैठक में प्रमुख सचिव श्रम के अलावा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। पत्राकारों के प्रतिनिधियों के रूप में सर्वश्री हसीब सिद्दीकी, योगेश कुमार गुप्त, मुदित माथुर के अलावा विशेष आमंत्रित सदस्य चन्द्र किशोर शर्मा ने भी भाग लिया।