आगरा। लाल नेक देखिये भवनहमारो। द्वितियापाट सिंहासन बैठे अबिचल राज तिहारो…सारंग राग के ये पद और अपने ठाकुर जी की नजर उतार झूमते श्रद्धालु। नवीन छवि देख सब बलिहारी हुए जा रहे थे।
कटरा हाथी शाह, नाई की मंडी स्थित श्री प्रेमनिधि मंदिर में रविवार को ठाकुर श्याम बिहारी जी का पाटोत्सव मनाया गया। पुरुषाेत्तम मास मनोरथ की श्रंखला में चल रहे आयोजन में पाटोत्सव मनाया गया था। चरण सेवक नितिन कुमार, अंशुल कुमार जैन थे। मुख्य सेवायत हरिमोहन गोस्वामी ने बताया कि प्राचीन वैष्णव मंदिरों का स्थापना दिवस ज्ञात न होने के कारण श्रावण शुक्ल पंचमी को सभी मंदिरों में पाटोत्सव स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसके पीछे रास पंचाध्यायी ग्रंथ में भाव यह है कि गोपीगीत के पश्चात ठाकुर जी श्री जी व अन्य गोपियों के समक्ष पुनः प्रकट हुए। दर्शन इत्यादि के बाद गोपीकाओं ने बृज में उस समय कोई सिंहासन न होने के कारण एक पाट पर विराजमान कराया था। श्री कृष्ण के मंदिरों की स्थापना के समय यह निश्चित किया जाता है कि ठाकुर जी को आज के ही दिन सिंहासन पर विराजमान कराया जाए। सुनीत गोस्वामी ने बताया कि नाग पंचमी के दिन इस उत्सव को वैसे मनाते हैं। दिनेश पचौरी ने बताया कि स्वतः रूप से या भाव रूप से आज के दिन भगवान की छवि नवीन प्रतीत होती है। आशीष बल्लभ पचौरी ने बताया कि 7 अगस्त को नरसिंह जयंती उत्सव मनाया जाएगा। ठाकुर जी का भगवान नरसिंह के रूप में विशेष श्रंगार होगा।