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कृमि मुक्ति अभियान के तहत खिलाई जाएगी एल्बेंडाजोल

  • कृमि मुक्ति अभियान
  • जनपद में 10 अगस्त को खिलाई जाएगी पेट के कीड़े निकालने की दवा
  • 17 अगस्त को चलेगा मॉप अप राउंड, जिसमें दवा खाने से छूटे बच्चों को किया जाएगा कवर
  • एक से 19 साल तक के 22 लाख बच्चों-किशोरों-किशोरियों को खिलाई जाएगी दवा

आगरा। स्वास्थ्य विभाग जनपद में 10 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान संचालित करेगा। अभियान को सफल बनाने के लिए शनिवार को प्राथमिक पाठशाला मंडी सईद खां और साईं का तकिया स्थित बैप्टिस्ट स्कूल में प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधक व प्रधानाचार्य का अभिमुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें जनपद के विभिन्न स्कूलों के प्रबंधक व शिक्षकों को अभियान के संबंध में जागरूक किया गया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए 31 जुलाई और एक अगस्त को जिला स्तरीय अभिमुखीकरण कार्यक्रम आयोजित हो चुका है। इसमें सीडीपीओ, बीईओ, बीपीएम, बीसीपीएम, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी व सीएचओ को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अभियान के दौरान स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर एक से 19 साल की उम्र के 22 लाख बच्चे व किशोर-किशोरियों को पेट के कीड़े निकालने की दवा एल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी।

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से एक से पांच साल तक के बच्चों को दवा दी जाएगी। जबकि स्वास्थ्य विभाग की टीम स्कूलों में छह से 19 साल तक के बच्चों व किशोरों-किशोरियों को शिक्षकों की मदद से दवा खिलाएंगी। उन्होंने कहा कि यह दवा चबाकर खानी है। टीम दवा अपने सामने खिलाएगी। किसी भी बच्चे या परिजन को दवा बाद में खाने के लिए नहीं दी जाएगी।


राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के नोडल अधिकारी डॉक्टर धर्मेश श्रीवास्तव ने बताया कि राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत हर साल दो बार पेट के कीड़े निकालने वाली दवा खिलाई जाती है। पेट में कीडे़ होने के चलते बच्चों-किशोरों में खून की कमी हो जाती है। दरअसल कीड़े पूरा पोषण खा जाते हैं और बच्चे कुपोषण के साथ ही एनीमिया का शिकार भी हो जाते हैं। कृमि के कारण बच्चों और किशोर-किशोरियों का मानसिक और शारीरिक विकास बाधित होता है।

एसीएमओ ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत एक से पांच साल तक के बच्चों और छह से 19 साल तक स्कूल न जाने वाले बच्चों और घूमंतु व ईंट भट्‌ठों पर काम करने वाले श्रमिकों के बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से एल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी। छह से 19 साल तक के स्कूल जाने वाले बच्चों को शिक्षकों के माध्यम से और किशोर जुबेनाइल होम में प्रभारी अधीक्षक के माध्यम से पेट के कीड़े निकालने वाली दवा खिलाई जाएगी।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक डॉ. विजय सिंह ने बताया कि एक से दो साल तक के बच्चों को आधी गोली और दो से 19साल तक बच्चों व किशोरों-किशोरियों को पूरी गोली खिलाई जाएगी। छोटे बच्चों को गोली पीसकर दी जानी है, जबकि बड़े बच्चे गोली चबाकर खा सकेंगे।

अभिमुखीकरण कार्यक्रम में एविडेंस एक्शन इंडिया संस्था के एनडीडी कार्यक्रम के स्टेट प्रोग्राम मैनेजर भरत पांडे, डीसी, डीआईओएस आगरा अगम सत्संगी, नेशनल हेल्थ मिशन के अर्बन कोऑर्डिनेटर आकाश गौतम, शिव कुमार शर्मा प्रधानाचर्या पीवी मंडी सईद खा, एविडेंस एक्शन इंडिया संस्था के जिला समन्वयक शाहिद खान, ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर वीरेंद्र कुमार एआरपी सुनील कुमार मौजूद रहे ।

यह हैं कृमि मुक्ति के फायदे :

  • रोग प्रतिरोधक शक्ति में वृद्धि
  • स्वास्थ्य और पोषण में सुधार
  • एनीमिया नियंत्रण
  • समुदाय में कृमि व्यापकता में कमी
  • सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार